लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रही काला पीलिया की काली छाया, कुरुक्षेत्र में मिल रहे केस

कुरुक्षेत्र में काला पीलिया लगातार बढ़ता जा रहा है। 470 मरीज मिले जिले में 2 साल में। 2019 में 248 2020 में 174 व 2021 में मिले 48। चिकित्‍सक की मानें तो यह कोई सामान्‍य पीलिया नहीं है। जानिए कैसे फैलता है काला‍ पीलिया।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 01:59 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 01:59 PM (IST)
लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रही काला पीलिया की काली छाया, कुरुक्षेत्र में मिल रहे केस
कुरुक्षेत्र में काला पीलिया के मामले बढ रहे।

कुरुक्षेत्र, [विनीश गौड़]। कुरुक्षेत्र के लोगों के स्वास्थ्य पर एक और बड़ी बीमारी का काला साया पड़ रहा है। जिले में वर्ष 2019 से लेकर फरवरी 2021 तक 470 काला पीलिया के मरीज मिले हैं। यह पीलिया कोई सामान्य पीलिया नहीं है बल्कि समय पर इलाज नहीं होने पर यह लीवर का कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी देकर व्यक्ति का शिकार कर सकता है। वर्ष 2019 में जिले में काला पीलिया के 248 पॉजिटिव मरीज मिले। जबकि वर्ष 2020 में लॉकडाउन लगने की वजह से 174 मरीज पाए गए, अब 2021 में फरवरी माह तक 48 काला पीलिया के मरीज मिल चुके हैं। ऐसे में दो साल और दो माह में काला पीलिया के 470 मरीज मिल गए।

काला पीलिया का दो वर्ष का आंकड़ा

माह वर्ष 2019 वर्ष 2020

जनवरी 10 20

फरवरी 16 26

मार्च 14 20

अप्रैल 18 01

मई 18 02

जून 23 16

जुलाई 30 14

अगस्त 37 16

सितंबर 30 08

अक्टूबर 15 09

नवंबर 17 20

दिसंबर 20 20

दो दिन से 12 सप्ताह तक ये लक्षण दिखें तो जांच कराएं

अगर हेपेटाइटिस सी का संक्रमण शुरुआती चरण में है, तो ये संकेत मिलते हैं। सबसे पहले पेट की परेशानी रहने लगेगा, फिर जी मिचलाना, बुखार, जोड़ों में दर्द होना, थकान, पीलिया, मिट्टी के रंग का मल त्याग करना, गरहे रंग का मूत्र, भूख में कमी और उल्टी जैसी समस्या होगी। यह लक्षण अगर दो दिन से लेकर 12 हफ्ते से ज्यादा समय तक बने रहें तो जल्द से जल्द चिकित्सक से जांच कराएं।

इससे फैलता है रोग

एक ही इंजेक्शन या सुइयों का इस्तेमाल कई लोगों में करने से। एसटीडी यानी सेक्शुअल ट्रांसमिटेड डिसीज, या एचआइवी संक्रमित साथी के साथ शारीरिक संबंध बनाने से, एक से अधिक साथी के साथ शारीरिक संबंध बनाने से, हेपेटाइटिस-सी से संक्रमित मां के द्वारा जन्मे बच्चे में भी इसका संक्रमण फैल सकता है, एक ही टूथब्रश, रेजर ब्लेड और नाखून कतरनी जैसी व्यक्तिगत वस्तुओं को साझा करने से, असुरक्षित तरीके से शरीर पर टैटू बनवाने से,

इनसे काला पीलिया नहीं फैलता

संक्रमित मां का शिशु को दूध पिलाने, संक्रमित व्यक्ति के आस-पास रहने, संक्रमित व्यक्ति के खांसने, संक्रमित व्यक्ति से गले मिलने, संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने से यह रोग नहीं फैलता है। हेपेटाइटिस सी इसके संक्रमण के तेजी से विकास होने का दौर रहता है। यह एक अल्पकालिक बीमारी है जिसका वायरस शरीर में प्रवेश करने के बाद पहले छह महीनों तक रहता है। आमतौर पर छह महीनों के बाद यह उचित देखभाल, उपचार या कभी-कभी अपने आप भी ठीक हो जाता है। छह माह के बाद किसी के शरीर में अगर हेपेटाइटिस सी के संक्रमण बने रहते हैं, तो उस स्टेज को क्रॉनिक हेपेटाइटिस सी कहा जाता है। इसके कारण लीवर कैंसर या सिरोसिस जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं जन्म ले सकती हैं। इसका इलाज समय पर जांच कराकर अपना उपचार कराना है।

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