भाकियू प्रदेशाध्‍यक्ष चढ़ूनी ने कहा, कृषि कानूनों के विरोध किसान 2024 तक आंदोलन के लिए तैयार

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी यमुनानगर पहुंचे। गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कृषि कानूनों के विरोध किसान 2024 तक आंदोलन के लिए तैयार है। चढ़ूनी खुद ट्रैक्‍टर चलाकर टोल प्लाजा पर चल रहे धरना स्‍थल पर पहुंचे।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 10 Feb 2021 05:29 PM (IST) Updated:Wed, 10 Feb 2021 05:29 PM (IST)
भाकियू प्रदेशाध्‍यक्ष चढ़ूनी ने कहा, कृषि कानूनों के विरोध किसान 2024 तक आंदोलन के लिए तैयार
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी।

यमुनानगर, जेएनएन। नए कृषि कानूनों के विरोध में बुधवार को भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने किसानों को संबोधित किया। चढ़ूनी स्वयं ट्रैक्टर चलाकर टोल प्लाजा धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने  कहा कि कृषि कानूनों को लाकर सरकार ने किसान- मजदूर को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर किया है। फसल की सरकारी खरीद से सरकार भाग रही है। इसलिए सब कुछ  कार्पोरेट जगत के हाथों सौंपना चाहती है। यदि ऐसा हो गया तो किसान बर्बाद और जमीन बेचने के लिए मजबूर हो जाएगा। इन कानूनों को वापस लिए जाने की मांग को लेकर किसान आंदोलनरत है, लेकिन सरकार किसान की ताकत को हल्के में ले रही है। यदि किसान को 2024 तक भी अपनी लड़ाई जारी रखने के लिए तैयार हैं। अन्य किसान व सामाजिक संगठन भी लगातार आंदोलन से जुड़ रहे हैं। उन्होंने मंच से कहा कि आगामी दिनों में आंदोलन तेज किया जाएगा। सांसद नायब सैनी के साथ-साथ भाजपा के अन्य नेताओं के आवास का घेराव किया जाएगा। किसी भी आयोजन में उनको शामिल नहीं होने दिया जाएगा। किसान शांतिपूर्ण तरीके से इस आंदोलन को सफलता की ओर ले जाएंगे।  

किसी पूंजीपति को जेल नहीं भेजा

गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि कार्पोरेट जगत पर 15 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। किसी पूंजीपति को आज तक जेल में नहीं डाला बल्कि उनको संरक्षण देेने का काम किया। जबकि मामूली देनदारी के चलते किसानों की जमीन की कुर्क कर दी जाती है।  किसानों की आर्थिक स्थिति भी किसी से छिपी नहीं है। अब यदि किसान अपने हक के लिए आंदोलन कर रहे हैं तो सरकार साजिश के तहत उसको दबाना चाहती है। सरकार इस आंदोलन को जितना दबाने का प्रयास कर रही है, आंदोलन को उतनी ही मजबूती मिल रही है। यही कारण है कि टोल बेरियर पर आयोजित इस कार्यक्रम में करीब आधा दर्जन संगठनों ने अपना समर्थन दिया। महिला शक्ति भी आंदोलन से जुड़कर अपना सहयोग दे रही है।

90 वर्षीय बाबू राम गुंदियाना भी पहुंचे

स्वास्थ्य खराब होने के कारण भाकियू के मंडल प्रधान बाबू राम गुंदियाना काफी समय से किसान आंदोलन का हिस्सा नहीं बन पाए। बुधवार को बाबू राम भी मंच पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि सरकार जनता से उपर नहीं हो सकती। जनता सर्वोपरि है और इसमें भगवान बसता है। लेकिन सरकार जनता के साथ लड़ रही है। उन्होंने कहा खेती किसानी को बचाने के लिए हर वर्ग को आगे आना होगा। महिला विंग की प्रधान रूपिंद्र कौर ने कहा कि इस आंदोलन में किसानों से पहले महिला शक्ति अपने सीने पर गोली खाने के लिए तैयार है।

इनको किया सम्मानित

किसान आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभा रहे भाकियू जिला प्रधान संजू गुंदियाना, युवा जिला प्रधान संदीप टोपरा, डायरेक्टर मंदीप रोडछप्पर, रतनमान गुट के जिला प्रधान सुभाष गुर्जर, चरखी दादरी से सुधीर डागर, झज्जर से संजय, बहादुरगढ़ से दीपक, हर्षपाल चढ़ूनी, सुकरमपाल बेनिवाल, बलकार सिंह, राजीव ससोली, छोटा बच्चा गुरवीर सिंह, महिला विंग की प्रधान रूपिंद्र कौर सहित अन्य कई किसानों को सिरोपा पहनाकर सम्मानित किया।

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