पानीपत भाजपा जिला अध्‍यक्ष अर्चना का एक साल, संगठन का किया विस्तार, रुठों को न मना सकीं

भाजपा की पानीपत जिला अध्‍यक्ष अर्चना गुप्‍ता के कार्यकाल का एक साल पूरा हो गया है। एक साल में तेजी से संगठन का विस्‍तार किया है। हालांंकि रूठे कार्यकर्ताओं को नहीं मना सकी हैं। डा.अर्चना के कार्यकाल में ही भाजपा के नए कार्यालय के लिए शिलान्यास हुआ।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Fri, 20 Aug 2021 08:42 AM (IST) Updated:Fri, 20 Aug 2021 08:42 AM (IST)
पानीपत भाजपा जिला अध्‍यक्ष अर्चना का एक साल, संगठन का किया विस्तार, रुठों को न मना सकीं
भारतीय जनता पार्टी की पानीपत जिलाध्‍यक्ष अर्चना गुप्‍ता।

पानीपत, जागरण संवाददाता। भाजपा की जिला अध्यक्ष डा.अर्चना गुप्ता का कार्यकाल का एक साल पूरा हो गया है। इस एक साल में उन्होंने संगठन का तेजी से विस्तार किया। यहां तक की एक मंडल भी नया बना दिया। पहले जिले में 15 मंडल थे, अब चुलकाना को मिलाकर 16 हो गए हैं। अर्चना गुप्ता की एक बड़ी उपलब्धि ये रही कि उन्होंने शहर में बड़े कार्यक्रम कराए। गांव-गांव जाकर दौरा किया। कार्यकर्ताओं को इतना प्रेरित किया पानीपत में किसान आंदोलन इतना सक्रिय नहीं रहा। जागरण विशेष में पढि़ए अर्चना गुप्ता ने क्या हासिल किया, क्या खोया और अब आगे क्या लक्ष्य। कार्यकाल उनका तीन साल का है। अभी पानीपत में दो विधानसभा सीटों पर भाजपा के विधायक हैं, दो पर कांग्रेस के। उनके सामने चुनौती है कि चारों सीटों पर भाजपा का विधायक बने।

जो हासिल किया

1- कार्यालय का शिलान्यास

अर्चना गुप्ता के कार्यकाल में ही सेक्टर 13-17 में भाजपा के नए कार्यालय के लिए शिलान्यास हुआ। मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने काम शुरू कराया था। भवन निर्माण के लिए लेबर क्वार्टर बन गए हैं। जल्द ही निर्माण कार्य में तेजी आएगी।

2- बड़े कार्यक्रम किए

अर्चना गुप्ता ने किसान आंदोलन के बावजूद बड़े कार्यक्रम कराए। पार्टी के स्थापना दिवस पर अप्रैल में प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ को बुलाया। धनखड़ ने मंच से कहा भी कि हमारी जिला अध्यक्ष बहुत बहादुर है। बाहर किसान आंदोलन कर रहे थे, अंदर भाजपा का कार्यक्रम हो रहा था।

3- संगठन का विस्तार

अर्चना गुप्ता ने संगठन का विस्तार तेजी से किया। खेल प्रकोष्ठ से लेकर उत्तराखंड प्रकोष्ठ तक बना दिए। पूर्वांचल प्रकोष्ठ को पहली बार इतना सक्रिय किया कि पूर्वांचल समाज से ही मदन ङ्क्षसह को मनोनीत पार्षद बनवा दिया।

4- तिरंगा यात्रा

चार जगहों पर उनके नेतृत्व में तिरंगा यात्रा निकाली। सबसे आखिर में 14 अगस्त को विधायक प्रमोद विज ने यात्रा निकाली। विधायक महिपाल ढांडा, पूर्व मंत्री कृष्णलाल पंवार और समालखा में यात्रा का सफल आयोजन हुआ।

5- गांवों के दौरे

अब तक जिले के 60 फीसद गांवों का दौरा कर चुके हैं। दरअसल, भाजपा शहर में मजबूत दिखती है लेकिन गांवों में वोट बैंक खिसक न जाए, इसके लिए लगातार बैठकें हो रही हैं। यही वजह है कि पानीपत में किसान आंदोलन का इतना असर नहीं है।

जो कमियां रह गईं

1- रोहिता को नहीं मना सकीं

पूर्व विधायक रोहिता रेवड़ी भाजपा में होते हुए भी सक्रिय नहीं हैं। शहर की राजनीति में रोहिता रेवड़ी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने दो बार रोहिता को कार्यक्रम में बुलाया भी लेकिन वह नहीं आईं। अगर रोहिता को उन्होंने मना लिया तो संगठन में उनकी बड़ी उपलब्धि होगी।

2- कई कार्यकर्ता नाराज

कई कार्यकर्ता नाराज भी हुए। दरअसल, संगठन में जगह न मिलने से यह नाराजगी सामने आई। कच्चा कैंप से सुभाष मनचंदा हों या फिर डा.सुरेंद्र टुटेजा। इंटरनेट मीडिया पर आलोचना करने में देर नहीं लगाते। यहां तक की पूर्व मीडिया प्रभारी दीपक सलूजा भी गलत होने पर आलोचना जरूर करते हैं। 9

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