भाजपा पार्षद ने सोशल मीडिया पर बयां किया दर्द, यमुनानगर निगम चुनाव से जुड़ा मामला

हरियाणा के यमुनानगर नगर निगम में सीनियर और डिप्‍टी मेयर को चुने जाने के बाद गुटबाजी सामने आई। सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर चुनाव में प्रतिनिधित्व न मिलने पर भाजपा पार्षद ने सोशल मीडिया पर दर्द बयां किया।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 06 Jan 2021 12:55 PM (IST) Updated:Wed, 06 Jan 2021 12:55 PM (IST)
भाजपा पार्षद ने सोशल मीडिया पर बयां किया दर्द, यमुनानगर निगम चुनाव से जुड़ा मामला
यमुनानगर में सीनियर और डिप्‍टी मेयर के लिए नाराजगी।

पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। हाल ही में हुए सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर चुनाव को लेकर भाजपा पार्षदों में विरोध के स्वर फूटने लगे हैं। भाजपा के ही पार्षद प्रवीण मोदगिल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल कर दर्द बयां किया है। उनका कहना है कि रिश्तेदारी निभाने के चक्कर में पार्टी के नेताओं ने रादौर विधानसभा क्षेत्र की अनदेखी की है। हालांकि इस बात का मलाल भाजपा के ही अन्य पार्षदों को भी है लेकिन खुलकर कोई बोल नहीं रहा है। बता दें कि 2 दिन पहले भाजपा ने सर्वसम्मति से प्रवीण कुमार को सीनियर डिप्टी मेयर व रानी को डिप्टी मेयर घोषित किया था।

यह डाली पोस्ट

सभी रादौर विधानसभा वासियों को मेरी तरफ से जय श्री राम। साथियों हाल ही में हुए सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव में हमारी विधानसभा को पार्टी शीर्ष नेतृत्व ने नजरअंदाज किया है। सारे शहर में इसकी चर्चा है। क्या पार्टी की ओर से यह सही निर्णय लिया गया है कृपया जरूर बताएं। क्या रादौर वासियों को उनका हक नहीं मिलना चाहिए था। क्या संगठन को सिर्फ दो लोग चला रहे हैं। अपनी रिश्तेदारी निभाने के चक्कर में ऐसी विधानसभा को इग्नोर किया गया है जिसने चारों सीटें जीतकर भारतीय जनता पार्टी की झोली में डाली। क्या पार्टी और संगठन की यही नीति है। क्या हमें हमारा हक नहीं मिलना चाहिए था। आज रात और विधानसभा अनाथ बनकर रह गई है। क्या हमें यूं ही हमेशा कुछ लोगों की राजनीति का शिकार होना पड़ेगा।

रादौर विधानसभा में 3 दर्जन से अधिक कॉलोनियों

वार्ड नंबर 20, 21, 19, 22 व 12 12 की तीन दर्जन से अधिक कालोनियां रादौर विधानसभा क्षेत्र में आती है। इन वार्डो के पार्षदों को काफी उम्मीद थी कि सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव में प्रतिनिधित्व जरूर मिलेगा। इसके लिए लंबे समय से तैयारी भी कर रहे थे। अंतिम दौर तक यह पार्षद आस लगाए बैठे थे। लेकिन दोनों पदों पर प्रतिनिधित्व न मिलने से मायूसी हाथ लगी है।

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