हरियाणा में इस जगह चुनाव में आमने-सामने हो सकती हैं भाजपा और जजपा, कल होगा फैसला
कुरुक्षेत्र के शाहाबाद के नगर पालिका प्रधान के चुनाव में भाजपा-जजपा आमने-सामने हो सकती हैं। भाजपा-जजपा के शीर्ष नेताओं में आपसी तालमेल की कमी है। 22 जून को निकलने वाले ड्रा के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो चुकी है।
कुरुक्षेत्र/शाहाबाद [जतिन्द्र सिंह चुघ]। बेशक हरियाणा सरकार भाजपा-जजपा के गठबंधन से चल रही है लेकिन शाहाबाद के नगरपालिका प्रधान पद के चुनाव में भाजपा-जजपा आमने सामने हो सकती हैं। इसका कारण भाजपा-जजपा के शीर्ष नेताओं में आपसी तालमेल की कमी हो सकती है।
अगर बीते दो वर्ष की बात करें तो हरियाणा शुगरफेड चेयरमैन एवं स्थानीय विधायक रामकरण काला और पूर्व राज्यमंत्री कृष्ण बेदी को आज तक किसी भी स्टेज पर एक साथ नहीं देखा गया और ऐसे में यही अनुमान है कि यह दोनों शीर्ष नेता अपना अलग-अलग वजीर नपा प्रधान के चुनाव मैदान में सामने ला सकते हैं। इन कारणों से शाहाबाद के इस चुनाव में जजपा व भाजपा में तकरार स्वभाविक है।
उतार सकते हैं अपने-अपने उम्मीदवार
शाहाबाद आरक्षित सीट से जजपा से विधायक बने रामकरण काला डा. गुलशन कवात्तरा और अपने राजनीतिक सचिव विष्णु भगवान गुप्ता में से किसी एक को नपा प्रधान चुनाव मैदान में उतार सकते हैं। डा. गुलशन कवात्तरा ने विधानसभा चुनावों में विधायक रामकरण काला की मदद की थी। वहीं पूर्व सरपंच विष्णु भगवान गुप्ता विधायक के राजनीतिक सचिव हैं और काफी वर्षों से उनके साथ चलते आ रहे हैं। दूसरी ओर पूर्व राज्यमंत्री कृष्ण बेदी भी प्रबल दावेदार इस चुनाव मैदान में उतारने का प्रयास कर सकते हैं। हालांकि उनकी ओर से अब तक इस चुनाव के लिए किसी भी व्यक्ति का नाम नहीं लिया है। नगर में चर्चाओं के अनुसार भाजपा की ओर से बलदेव राज सेठी, युवा नेता पीयूष राव, अमित सिंगला, राजू चावला या कोई नया चेहरा भी आ सकता है।
कांग्रेस के उमेश खुद को बता रहे प्रबल दावेदार
वहीं कांग्रेस से अभी तक उमेश गर्ग अपना नाम पक्का बता रहे हैं और नगरनिवासियों के घरों पर बैठकें कर रहे हैं। अगर बात की जाए पूर्व नपा प्रधान हरीश कवात्तरा की तो वह भी आजकल कांग्रेस के कार्यक्रमों में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। ऐसे में आंका जा रहा है कि हरीश कवात्तरा भी कांग्रेस की ओर यह चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त कर सकते हैं। अगर 22 जून को निकलने वाले ड्रा में नपा प्रधान की सीट महिला के लिए आरक्षित हो जाती है तो यह चुनाव नया मोड़ ले सकता है।
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