प्रदेश का पहला ऐसा केस, दुनिया में आते ही बच्ची को कोरोना ने जकड़ा, मां और पिता थे संक्रमित

हरियाणा के पानीपत में कोरोना संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। पानीपत में अब मासूम और नवजात भी इस कोरोना संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। पानीपत में पहला ऐसा केस आया कि नवजात भी कोरोना पॉजिटिव है।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 03:21 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 03:21 PM (IST)
प्रदेश का पहला ऐसा केस, दुनिया में आते ही बच्ची को कोरोना ने जकड़ा, मां और पिता थे संक्रमित
पानीपत में एक नवजात की रिपौर्ट कोरोना पॉजिटिव आई।

पानीपत, जेएनएन। दुनिया में आते ही आंख खुलने से पहले ही नन्ही सी जान को कोरोना संक्रमण ने जकड़ लिया। उसकी मां और पिता पहले ही कोरोना संक्रमित थे। नवजात शिशु रोग विशेषज्ञ डा. राहुल चौधरी ने हरियाणा का पहला केस होने का दावा करते हुए कहा यह कोरोना वायरस का वर्टिकल ट्रांसमिशन है। हालांकि, फिलहाल जच्चा-बच्चा पार्क अस्पताल में उपचाराधीन हैं। जन्म लेने से पहले भी संघर्ष ही करना पड़ा। जहां गर्भवती का इलाज चल रहा था, उस अस्पताल में डिलीवरी कराने से इन्कार कर दिया। दूसरे अस्पताल में डिलीवरी हुई। अब तीसरे अस्पताल में बच्चा दाखिल है।

मूल रूप से इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश निवासी युवक रिफाइनरी में जाब करते हैं। करीब 10 दिन पूर्व युवक की रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव आई थी। इसके बाद गर्भवती पत्नी की भी कोरोना जांच हुई तो उसकी भी रिपोर्ट पाजिटिव आई। 13 अप्रैल को महिला प्रसव पीड़ा से तड़पी तो उसे एक निजी अस्पताल में लेकर पहुंचे। गर्भवती कोरोना पाजिटिव है, यह जानकर चिकित्सकों ने सुविधा न होने की बात कही और भर्ती करने से इन्कार कर दिया। इसके बाद वह गर्भवती को आयुष्मान भव अस्पताल लेकर पहुंचे। अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डा. राहुल चौधरी ने बताया कि तुरंत गर्भवती को आइसोलेशन में भर्ती कर लिया। सीनियर कंसल्टेंट डा. कृष्णा सांगवान के नेतृत्व में डिलीवरी संपन्न हुई। तुरंत नवजात बच्ची को मां से दूर नर्सरी में रखा गया।

नवजात का स्वाब सैंपल भेजा तो 15 अप्रैल को रिपोर्ट पाजिटिव आ गई। डा. राहुल के मुताबिक रिफाइनरी-आइओसीएल उनके पैनल में नहीं है। इसलिए वीरवार की देर शाम स्वजन दोनों पार्क अस्पताल लेकर चले गए थे।

ऐसे होता है वर्टिकल ट्रांसमिशन

डा. राहुल चौधरी ने बताया कि कोरोना वर्टिकल ट्रांसमिशन के भारत में 25-26 केस ही हैं। उन्होंने बताया कि गर्भ में पल रहा शिशु गर्भनाल से जुड़ा होता है। गर्भवती गंभीर कोरोना पाजिटिव है तो बच्चा भी संक्रमित हो सकता है। जुलाई 2020 में राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भी ऐसा केस आया था। उस केस को भी उन्होंने ही देखा था। 24 साल की गर्भवती की रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव आई थी। डिलीवरी से पहले कराए टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आई। उसकी कोख से जन्मा बच्चा संक्रमित था।

जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ

पार्क अस्पताल के फिजिशिशन डा. तेजेंद्र खरबंदा ने बताया कि जच्चा-बच्चा स्वस्थ हैं। मां को दूध नहीं उतर रहा है, उसे दवा दी गई है। नवजात को अलग से फीङ्क्षडग करा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मां का दूध बच्चे के इम्युन सिस्टम को मजबूत बनाता है। देश में एक भी ऐसा केस-शोध सामने नहीं आया जिससे साबित होता हो कि स्तनपान से कोरोना का नवजात को कोरोना होने का खतरा है। हां, स्तनपान कराते समय महिला मुंह पर मास्क और हाथों में दस्ताने जरूर पहनें।

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