कैथल में दागी अफसरों पर बड़ा फैसला, पांच साल से बैठे एसआइ व इंस्पेक्टर भी होंगे ट्रांसफर

सरकार ने लंबे समय से एक ही पद पर कार्यरत कर्मचारियों के तबादले करने का फैसला लिया है। कैथल में पांच ऐसे अधिकारी हैं जो इस प्रक्रिया में आते हैं। इस बारे में जानकारी जुटाते हुए सीनियर अधिकारियों को उपलब्ध करवा दी है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Sun, 10 Jan 2021 03:39 PM (IST) Updated:Sun, 10 Jan 2021 03:39 PM (IST)
कैथल में दागी अफसरों पर बड़ा फैसला, पांच साल से बैठे एसआइ व इंस्पेक्टर भी होंगे ट्रांसफर
सरकार ने विभाग से इस बारे में पत्र जारी करते हुए रिकार्ड मांगा है।

पानीपत/कैथल, जेएनएन। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में पिछले पांच सालों से एक ही सीट पर चिपके सब इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टरों के अब तबादले होंगे। वहीं दागी अफसरों को भी इस बार गेहूं सीजन में नहीं लगाने का फैसला लिया गया है। कैथल जिले में दो सब इंस्पेक्टर और तीन इंस्पेक्टर हैं जिनकी सेवाएं पांच साल से ज्यादा हो गई हैं। सरकार ने विभाग से इस बारे में पत्र जारी करते हुए रिकार्ड मांगा है। बताया जा रहा है कि इस माह ही इन अधिकारियों को इधर से उधर किया जाएगा।


लोग करते हैं गोलमाल की शिकायत

लोगों की तरफ से शिकायतें रहती हैं कि लंबे समय से ही जिले में नियुक्त अधिकारियों की तरफ से सांठगांठ करते हुए सीजन के दौरान गोलमाल किया जाता है। इसलिए सरकार ने लंबे समय से एक ही पद पर कार्यरत कर्मचारियों के तबादले करने का फैसला लिया है। जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक प्रमोद कुमार ने बताया कि विभाग ने एक ही पद पर पांच साल या इससे ज्यादा समय से कार्यरत सब इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टरों का ब्योरा मांगा है। कैथल में पांच ऐसे अधिकारी हैं जो इस प्रक्रिया में आते हैं। इस बारे में जानकारी जुटाते हुए सीनियर अधिकारियों को उपलब्ध करवा दी है।

किराया पर गोदाम लेकर रखे गया है स्टॉक

फूड सप्लाई विभाग की तरफ से पिछले साल गेहूं सीजन में खरीदा गया अनाज का स्टॉक एजेंसी गोदामों के साथ-साथ किराया के गोदाम लेकर रखे गए हैं। फूड सप्लाई कार्यालय के नजदीक ही खुले आसमान के नीचे गेहूं रखा गया है। पिछले दिनों बरसात के चलते काफी गेहूं भीग गया था। अब इस गेहूं को सुखाने का काम जारी है। खुले आसमान के नीचे रखे गेहूं की सुरक्षा को लेकर चौकीदार लगाए गए हैं वहीं चूहों से बचाव को लेकर रोजाना दवाई का छिड़काव भी विभाग की तरफ से किया जा रहा है। किराया पर गोदाम लेने के कारण खरीद एजेंसियों पर काफी बोझ पड़ रहा है।

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