International Yoga Day 2021: 24 साल से जींद में योग की अलख जगा रहा भारतीय योग संस्थान, 20 हजार से ज्यादा सीख चुके योग
आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस है। जींद के भारतीय सोग संस्थान 24 साल से लोगों को योग सीखा रहे। अब तक करीब 20 हजार से ज्यादा लोगों ने योग सीखा है। लोगों का कहना है कि योग करने से उनके रोग तक ठीक हो गए।
जींद, [कर्मपाल गिल]। देश में योग की अलख जगाने के लिए 54 साल पहले भारतीय योग संस्थान की स्थापना हुई थी। जींद में इस संस्थान की पहली शाखा 1997 में खुली थी। अब जींद शहर में भारतीय योग संस्थान के 32 केंद्र चल रहे हैं, जिनमें हर रोज सुबह 500 से ज्यादा लोग योगाभ्यास करते हैं। भारतीय योग संस्थान से जुड़कर अब तक जींद शहर में करीब 15 हजार लोग योग सीख चुके हैं। पूरे जिले की बात करें 50 योग केंद्रों का संचालन हो रहा है।
दैनिक जागरण से बातचीत में भारतीय योग संस्थान के शहरी प्रधान शमशेर सिंह बताते हैं कि जींद में चल रहे 32 केंद्रों पर सुबह-शाम योग की कक्षाएं लगती हैं। कई केंद्रों पर सुबह पुरुषों की कक्षाएं लगती हैं और शाम को महिलाओं को योग कराया जाता है। भारतीय योग संस्थान का मकसद योग का प्रचार-प्रसार करना है ताकि लोग बीमारियों से बचे रहें। इसलिए योग साधकों को ट्रेनर के रूप में तैयार करते हैं। कालोनी वाइज केंद्र बना रखे हैं। शिव कॉलोनी, इंडस स्कूल, हर्बल पार्क, जाट धर्मशाला, अर्बन एस्टेट में जेजेपी कार्यालय के सामने, रोहतक रोड, भिवानी रोड सहित 32 जगहों पर इस तरीके से केंद्र बना रखे हैं, जिससे लोग अपने घरों के आसपास योग की कक्षाएं लगा सकें। योगासन के अभ्यास के लिए तीन-तीन महीनों का शेड्यूल बना रखा है।
आजकल ताड़ासन, वृक्षासन, आकरण धनुरासन, गोमुखासन, भुजंगासन, शलभासन, मरकटआसन करवाते हैं। इनके अलावा कपालभाति, भ्रामरी प्राणायाम, अनुलोम-विलोम प्राणायाम करवाते हैं। नेत्र सुरक्षा व सिंहासन रोज करवाते हैं। सर्दी में भस्त्रिका, सूर्यभेदी प्राणायाम करवाते हैं। आखिर में ध्यान करवाते हैं। शहर में करीब 400 से ज्यादा योग ट्रेनर भी तैयार कर रखे हैं, जो कहीं भी योग की कक्षाएं लगा सकते हैं।
घुटनों का दर्द ठीक हुआ
मेरी उम्र 72 साल हो चुकी है। घुटनों में दिक्कत रहती थी। डेढ़ साल तक गोलियां ली, लेकिन आराम नहीं हुआ। भारतीय योग संस्थान से जुड़कर भस्त्रिका व नाड़ी शोधन प्राणायाम और योग की प्रारंभिक क्रियाएं शुरू की। जिससे तीन महीने में ही ठीक हो गया था। पूरी तरह स्वस्थ हूं।
-राजपाल मलिक, योग साधक
योग से चलने-फिरने लगा
पाइप पर झूलते हुए मेरे पैर की नसें दब गई थी और चलना-फिरना भी बंद हो गया था। घुटना सूज गया था। बहुत दर्द रहता था। योग करना शुरू किया तो धीरे-धीरे सूजन खत्म होती चल गई। योगासन में लेटकर साइकिलिंग का अभ्यास किया। अब मैं पदमासन भी लगा लेता हूं।
-नफे सिंह, योग साधक
माइग्रेन, सर्वाइकल ठीक हुआ
मेरे सिर में दर्द रहता था। डाक्टर ने माइग्रेन की बीमारी बता दी थी। उसकी गोलियां खाने से दिमाग काम करना ही बंद कर देता था। सर्वाइकल की समस्या भी हो गई थी। चार महीने गोलियां खाकर योग शुरू किया। कपालभाति, भ्रामरी, अनुलोम-विलोम प्राणायाम ने काफी राहत दी। अब ठीक हूं।
-नीति, योग साधिका
रीढ़ की हड्डी का दर्द ठीक हुआ
छह साल पहले झूले से गिर गई थी, जिससे रीढ़ की हड्डी के नीचे दो छल्लाें में गैप आ गया था। डाक्टर ने जांच के बाद बताया कि पूरी उम्र बेड रेस्ट करना पड़ेगा और गोलियां खानी पड़ेंगी। दो महीने तक बेड पर रही। इसके बाद योग शुरू कर दिया। अब योगाभ्यास से मैं पूरी तरह स्वस्थ हूं।
-सुषमा, योग साधिक
गले की बीमारी ठीक हुई
मेरी उम्र 60 साल हो चुकी है और स्वास्थ्य विभाग से सुपरवाइजर पद से रिटायर हूं। मेरे गले में समस्या रहती थी। गला बैठ जाता था। दवा लेने पर ही आराम होता था। सिंहासन करके गले की समस्या पूरी तरह ठीक हुई। शरीर भी पूरी तरह फिट हो गया था। अब कोई बीमारी नहीं है।
-कमला कुंडू, योग साधिका
घुटनों व भुजाओं का ठीक गायब
मेरे घुटनों में दर्द रहता था। चलने-फिरने में परेशानी रहती थी। पेट भी बढ़ा हुआ था। भुजाओं में भी दर्द रहता था। हाथों से काम ही नहीं हो पाता था। दो साल से रूटीन में योगाभ्यास किया तो सारी बीमारियां छूमंतर हो गईं। अब किसी दर्द की कोई गोली नहीं लेती हूं। सबको योग करन चाहिए।
निर्मला देवी, योग साधिका