Karnal Kisan Andolan: आंदोलन की चढ़ूनी कर रहे अगुआई, पंजाब और उत्तर प्रदेश से पहुंचे किसान

करनाल में लघु सचिवालय के बाहर चल रहे किसान आंदोलन की अगुआई गुरनाम सिंह चढ़ूनी कर रहे हैं। अब कल राज्‍यस्‍तरीय बैठक होगी। वहीं प्रशासन ने दोहराया है कि वार्ता के रास्ते खुले। धरनास्थल पर आंदोलनकारियों की संख्या बढ़ी है।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Fri, 10 Sep 2021 10:29 AM (IST) Updated:Fri, 10 Sep 2021 10:29 AM (IST)
Karnal Kisan Andolan: आंदोलन की चढ़ूनी कर रहे अगुआई, पंजाब और उत्तर प्रदेश से पहुंचे किसान
लघु सचिवालय के बाहर धरना स्‍थल में मौजूद गुरनाम सिंह चढ़ूनी।

करनाल, जागरण संवाददाता। बसताड़ा टोल पर लाठीचार्ज के विरोध में धरनास्थल पर डटे आंदोलनकारियों का नेतृत्व अब किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी कर रहे हैं। उन्होंने धरने पर बैठे लोगों से कहा कि आंदोलन कामयाब बनाने के लिए अनुशासन बेहद जरूरी है। संयम के साथ इसे लंबे समय तक चला सकते हैं और परिणाम सकारात्मक आ सकते हैं, लेकिन बड़े आंदोलन भी अनुशासनहीनता से टूट जाते हैं।

अब आंदोलन को समर्थन देने के लिए पंजाब व उत्तर प्रदेश से भी लोग पहुंच रहे हैं। 11 सितंबर को करनाल में सभी प्रमुख किसान नेता जुटेंगे। इस दौरान आगे की रणनीति पर चर्चा होगी। उधर, प्रशासन ने दोहराया कि वार्ता के रास्ते खुले हैं। आंदोलन के कारण बृहस्पतिवार को भी इंटरनेट सेवा बंद रही। इससे अब तक लगभग 60 करोड़ का कारोबार प्रभावित हो चुका है।

आंदोलनकारियों और प्रशासन के बीच बने गतिरोध के बीच बृहस्पतिवार को भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने फिर आंदोलन की कमान संभाल ली। उनके साथ बलदेव सिंह सिरसा, जोगेंद्र सिंह गोराया, सुमन हुड्डा, इंद्र सिंह, रविंद्र सिंह, पूनम पंडित, रामपाल चहल, जगदीप औलख, संजू गुंदियाना, कुलजीत सिंह व अजय राणा आदि ने आंदोलन स्थल पर मौजूद लोगों में जोश भरा।

लघु सचिवालय के समक्ष पड़ाव डालने के बाद अब आंदोलनकारियों ने तंबू गाड़ दिए हैैं। हालांकि जिला सचिवालय के सामने एक रोड पूरी तरह खाली रखी गई है। वहीं दूर तक खड़े प्रशासन व आंदोलनकारियों के वाहनों के कारण सेक्टर-12 तिराहे और आसपास के क्षेत्र में जाम से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दो दिन से बंद लघु सचिवालय के मेन गेट पर अर्धसैनिक बल और पुलिसकर्मी लगातार डटे हैं। सचिवालय के सामने दूसरी रोड पर तंबू लगाया गया है। बारिश से बचाव के लिए वाटरप्रूफ तंबू भी लगाए गए हैं। धरनास्थल पर सुबह से देर रात तक संबोधन का सिलसिला जारी है। किसान नेताओं की ओर से धरनास्थल पर संख्या बढ़ाने की अपील की जा रही है। इसके तहत बृहस्पतिवार को करनाल व आसपास के जिलों के अलावा पंजाब, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से काफी संख्या में लोग यहां पहुंचे।

उपायुक्त निशांत यादव ने बताया कि आंदोलनकारियों से जिला प्रशासन द्वारा धरना समाप्त करने की अपील की जा रही है। जिले में कानून व्यवस्था बिल्कुल ठीक है। सभी कार्यालयों में कार्य सुचारु रूप से चल रहा है।

उपायुक्त ने कहा कि प्रशासन किसान संगठनों के नेताओं को वार्ता के लिए बुलावा भेजता है। आंदोलनकारी इस पर अड़े हैं कि तत्कालीन एसडीएम को सस्पेंड किया जाए। नियमों के तहत बिना जांच किसी भी अधिकारी को सस्पेंड नहीं किया जा सकता।

chat bot
आपका साथी