साइबर ठगों से सावधान, पार्ट टाइम नौकरी व संदिग्ध लिंक भेजकर बनाते हैं शिकार, इन बातों का रखें ध्यान

साइबर अपराधी लोगों से एसएमएस वाट्सएप टेलीग्राम आदि के माध्यम से जुड़ते हैं। लोगों को फंसाने के लिए वेब पेज व लिंंक का विज्ञापन करने के लिए गूगल का प्रयोग करते हैं। एप्लीकेशन में पंजीकरण के लिए वेबसाइट या मोबाइल एप का प्रयोग किया जाता है।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 03:01 PM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 03:01 PM (IST)
साइबर ठगों से सावधान, पार्ट टाइम नौकरी व संदिग्ध लिंक भेजकर बनाते हैं शिकार, इन बातों का रखें ध्यान
शातिर ठग पार्ट टाइम नौकरी के नाम पर करते हैं ठगी।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। पार्ट टाइम नौकरी व किसी योजना का लिंक भेजकर साइबर ठगी करने वाला गिरोह सक्रिय है। कई ऐसे मामले सामने आए हैं। जिनमें नौकरी देने के नाम पर पैसे ठगे गए हैं। इंडियन साइबर क्राइम कोर्डिनेशन सेंटर की पकड़ में इस तरह के मामले आए हैं। जिसे देखते हुए लोगों को साइबर क्राइम से बचाने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है।

एसपी कमलदीप गोयल ने बताया कि साइबर ठगी से बचाव को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। देखने में आया है कि साइबर अपराधी वर्तमान बैंकिंग सिस्टम की कमियों का फायदा उठाकर करोड़ों रुपयों की धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे हैं।  वित्तीय साइबर ठगी करने के लिए बल्क एसएमएस, टेलीग्राम मैसेजिंग, वाट्सएप मैसेजिंग, वेबसाइट, मोबाइल एप, पेमेंट गेटवे, यूपीआई बैंक खातों व किप्टोकरंसी का प्रयोग किया जाता है।

यह है अपराध का तरीका

साइबर अपराधी लोगों से एसएमएस वाट्सएप, टेलीग्राम आदि के माध्यम से जुड़ते हैं। लोगों को फंसाने के लिए वेब पेज व लिंंक का विज्ञापन करने के लिए गूगल का प्रयोग करते हैं। एप्लीकेशन में पंजीकरण के लिए वेबसाइट या मोबाइल एप का प्रयोग किया जाता है। टारगेट यूजरों के अकाउंट एक्टीवेशन के लिए ओटीपी आधारित सत्यापन का प्रयोग किया जाता है।

टेलीग्राम या वाट्सएप यूजर से यूजरनेम पूछा जाता है। जैसे ही यूजरनेम की पुष्टि होती है, तो साइबर ठग सक्रिय हो जाते हैं। टारगेट यूजरों को  यूपीआइ बैंक ट्रांसफर आनलाइन बैंकिंग आदि माध्यमों से पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा जाता है। विभिन्न पेमेंट गेटवे जो रिजर्व बैंक आफ इंडिया से मंजूर नहीं है, उनका प्रयोग किया जाता है। 

इस तरह से बचे साइबर ठगी से

-संदिग्ध यूआरएल लिंक पर रिप्लाई या क्लिक न करें।

-पार्ट टाइम जाब आफर करने वाले संदेशों का जवाब देने से बचे।

-मैसेजिंग एप पर अज्ञात व्यक्तियों से संपर्क स्थापित करते समय सावधानी बरते।

-अज्ञात व्यक्तियों की पहचान व विश्वसनीयता की पुष्टि किए बिना उन्हें  पैसे भेजने से बचे।

-मजबूत पासवर्ड मल्टी फैक्टर आथेंटिकेशन का प्रयोग करे। 

-यदि साइबर अपराधियों को अपना बैंक खाता विवरण दे दिया है, तो इस बारे में बैंक को अलर्ट करे। 

यहां पर दी जा सकती है शिकायत

साइबर ठगी से बचाव के बारे में जानने के लिए ट्वीटर @CyberDost पेज फालो करें। जिस पर अपडेट मिलती रहेगी। इसके साथ ही साइबर ठगी होने पर cybercrime.gov.in पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराए। इसके साथ ही नजदीकी पुलिस थाने में भी शिकायत दी जा सकती है।

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