घर बैठे पाएं कोरोना को हराएं, खुद को ऐसे रखें सेहतमंद, फेफड़ें भी दुरुस्त
कोरोना की दूसरी लहर हर उम्र को अपनी जद में ले रही है। इस बार संक्रमण फेफड़ों को ज्यादा प्रभावित कर रहा है। ऐसे में खुद को सेहतमंद रखकर ही कोरोना से जंग जीत सकते हैं। पढ़ें कुछ ऐसे ही टिप्स जिससे कोरोना से आसानी से जीत सकते हैं।
अंबाला, जेएनएन। ऑक्सीजन लेवल, बीपी और टेंपरेचर मॉनिटर करना न भूलें। आयुष विभाग के नोडल अधिकारी डा. जितेंद्र वर्मा ने कहा कि आयुष में कोरोना वायरस को हराने की पूरी शक्ति है। उन्होंने बताया कि इस बार का संक्रमण फेफड़ों को ज्यादा प्रभावित कर रहा है जिससे रोगियों में ऑक्सीजन की कमी हो जा रही है और उन्हें कृत्रिम ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। डॉ. वर्मा का कहना है कि कोरोना बीमारी में सबसे ज्यादा श्वसन तंत्र ही प्रभावित होता है। क्षतिग्रस्त श्वसनतंत्र कोरोना वॉयरस को शरीर में पनपने का उपयुक्त वातावरण उपलब्ध कराता है।
कारगर है होम्योपैथी
योग्य चिकित्सकों ने गहन विश्लेषण के बाद कुछ दवाओं को इस बीमारी के लिए चुना है। इसमें क्लोरम, ओजोनम, काली ब्रोमियम, काली क्लोरम जैसी दवाएं शामिल हैं। डा. वर्मा का कहना है कि इन दवाओं का इस्तेमाल चिकित्सक की सलाह पर ही किया जाना चाहिए। आर्सेनिक एलबम 30 इम्यूनिटी बढ़ाने में कारगर हो सकता है। आक्सीजन लेवल बनाये रखने के लिये एस्पिडोस्पर्मा कारगर हो सकता है। इस औषधि के प्रभाव से खून में यूरिया बढ़ जाती है जिसके कारण श्वास से संबन्धित अनेक रोग, दमा रोग ठीक हो जाता है। यह श्वास केन्द्रों को उत्तेजित करती है और रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है।
वरदान है आयुर्वेद
आयुष काढ़ा, गिलोय, तुलसी, अश्वगंधा आदि औषधियां कोरोना को हराने में सक्षम हैं। गिलोय पाचन दुरूस्त रखने के साथ ही सर्दी खांसी से छुटकारा दिलाता है, ज्वरनाशक होने के साथ ही इम्यूनिटी बढ़ाता है और सुगर को नियंत्रित रखता है। अश्वगंधा शरीर में रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज का निर्माण करता है। जो कैंसर सेल्स को खत्म करने और कीमोथेरपी से होने वाले साइड इफेक्ट्स से भी बचाने का काम करता है। अश्वगंधा में मौजूद ऑक्सीडेंट आपके इम्युन सिस्टम को मजबूत बनाने का काम करता है। जो आपको सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियों से लडने की शक्ति प्रदान करता है।
एक्सरसाइज से हारेगा कोरोना
रोजाना 30 मिनट की एक्सरसाइज आपको निरोगी काया प्रदान करती है। प्राकृतिक चिकित्सक डा. नवीन सिंह कहते हैं कि सूर्य नमस्कार मौजूदा समय में सबसे बेहतर है। यदि 20 से 25 बार सूर्य नमस्कार किया जाएगा तो इससे न केवल पाचन तंत्र बेहतर रहेगा, बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि होगी। इसके साथ-साथ 15 मिनट तक उज्जाई व अनुलोम विलोम प्राणायाम करना चाहिए। इन दोनों प्राणायाम से फेफड़ा मजबूत होगा है और श्वसन तंत्र बेहतर रहता है। कपालभाति से भी इंयुनिटी बेहतर होती है।
सकारात्मक सोचें
आयुष चिकित्साधिकारी डा. वर्मा कहते हैं कि नकारात्मक विचार रोगों की शक्ति को कई गुना बढ़ा देती और औषधियों का प्रभाव कम कर देती हैं। विषम परिस्थितियों में भी साहस बनाये रखना, सकारात्मक सोचना तथा आशावादी होना घातक रोगों पर विजय दिला सकता है। हमें यह नही भूलना चाहिये कि विज्ञान एवं तकनीक की दुनियां मे व्यक्ति बहुत ही शक्तिशाली हो चुका है, लेकिन इसकी भी एक सीमा है, एक समय ऐसा आता है जब सारे प्रयास बेनतीजा होने लगते हैं और व्यक्ति की अपनी हिम्मत, उसके सकारात्मक विचार और उम्मीदों की रोशनी उसे नया जीवन देती है।