बैंकों का डिपाजिट घटा, कारोबार बढ़ने व प्रापर्टी में बूम के चलते लोन 17 प्रतिशत बढ़ा

पिछले वर्ष कोविड की दूसरी लहर का असर उद्योग-व्यापार पर पड़ा। बाजारों में पूर्व की भांति रौनक नहीं बन पाई। तीसरी लहर को लेकर भी बाजार चितित है। बैंकों में बीती तिमाही में डिपाजिट घट गए हैं लोन 17 प्रतिशत बढ़ गए हैं। बैंकों में डिपाजिट में पांच प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 12 Sep 2021 08:50 AM (IST) Updated:Sun, 12 Sep 2021 08:50 AM (IST)
बैंकों का डिपाजिट घटा, कारोबार बढ़ने व प्रापर्टी में बूम के चलते लोन 17 प्रतिशत बढ़ा
बैंकों का डिपाजिट घटा, कारोबार बढ़ने व प्रापर्टी में बूम के चलते लोन 17 प्रतिशत बढ़ा

महावीर गोयल, पानीपत

पिछले वर्ष कोविड की दूसरी लहर का असर उद्योग-व्यापार पर पड़ा। बाजारों में पूर्व की भांति रौनक नहीं बन पाई। तीसरी लहर को लेकर भी बाजार चितित है। बैंकों में बीती तिमाही में डिपाजिट घट गए हैं, लोन 17 प्रतिशत बढ़ गए हैं। बैंकों में डिपाजिट में पांच प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। जून 2020 की तिमाही में डिपाजिट 14960 लाख रुपये हुआ था। जून 21 में 14252 लाख रुपये डिपाजिट हुआ। अर्थात पिछले साल की तुलना में पांच प्रतिशत डिपाजिट कम रहा। जून 19 में 10862 लाख रुपये का डिपाजिट जून तिमाही में हुआ था।

बीती तिमाही में लोन बढ़ गया है। पिछले वर्ष जून 20 तिमाही में 13074 लाख रुपये का एडवांस था जो अब बढ़कर 15236 लाख पर पहुंच गया है। अर्थात ऋण में 17 प्रतिशत अधिक की मांग हुई। ऋण की बढ़ती मांग को कारोबार में बढ़त को देखा जा रहा है। नए-नए उद्योग पानीपत में लग रहे हैं इसीलिए बैंक ऋण की डिमांड बढ़ गई है। ऋण की बढ़ती मांग औद्योगिक विकास का परिचायक है। पिछले एक वर्ष में मिक, पोलर व 3 डी चादर के अनेक नए-नए यूनिट स्थापित किए गए।

एलडीएम कमल गिरधर ने बताया कि बताया कि इस बार प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में 74 लोगों ने आवेदन दिया। विभिन्न बैंकों में दिए गए आवेदन में से 19 लोगों का ऋण स्वीकृत कर लिया गया। 30 लोगों के आवेदन रद कर दिए गए। हालांकि बाजार में वित्त की किल्लत चल रही है। कारोबारी कोविड के दौरान जो उधारी फंसी थी वह वसूल कर कारोबार में लगाने के स्थान पर प्रापर्टी में लगा रहे हैं। प्रापर्टी खरीदने के लिए भी लोन की डिमांड बढ़ी है। प्रापर्टी में बूम

वर्तमान में बाजार में तरलता की कमी है। वित्त किल्लत होने का कारण कारोबारियों द्वारा पैसा प्रापर्टी में लगाना बताया जा रहा है। अंसल, हुडा के सभी सेक्टरों में प्लाटों की कीमत दो गुने से अधिक हो गई। रेजिडेंशियल के साथ साथ कामर्शियल प्रापर्टी में तेजी है।

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