भारत के लिए खतरे के लिए घंटी, थ्री डी चादर में कहीं चीन दोबारा हावी न हो जाए, जानिये वजह
धागे के बढ़ रहे दाम वाटरजेट लूम बंद करने का फैसला। पानीपत में थ्रीडी बेडशीट का उत्पादन बंद हो जाएगा एसोसिएशन पीछे हटने को नहीं तैयार। अगर इसका उत्पादन बंद हो गया तो एक बार फिर से चीन इस व्यापार में आगे निकल जाएगा।
पानीपत, जेएनएन। भारत ने चीन से आने वाली थ्रीडी चादर का आयात पूरी तरह से बंद कर दिया था। इसकी वजह थी, भारतीयों ने इस चादर का निर्माण करना शुरू कर दिया। लेकिन अब हालात ऐसे हो रहे हैं कि इन फैक्ट्रियों को बंद करना पड़ रहा है। वजह है धागा कंपनियों का एकाधिकार। थ्री डी चादर बनाने वाले उद्यमियों ने कड़ा फैसला लिया है। धागे के बढ़ते दामों से परेशान हुए उद्यमियों ने फैक्ट्री ही बंद करने का निर्णय ले लिया है।
वाटरजेट एसोसिएशन के सदस्यों ने बैठक करके तय किया कि जिनके पास पुराना धागा पड़ा है, वे ही कपड़ा बनाकर मार्केट में देंगे। इसके बाद न तो नया धागा खरीदा जाएगा और न ही फैक्ट्री चलाई जाएगी। इस फैसले के बाद करीब 80 फीसद फैक्ट्रियां बंद हो जाएंगी। बची हुई फैक्ट्रियां भी एक या दो सप्ताह बाद बंद होंगी। इसका सीधा असर पानीपत के कारोबार पर पड़ेगा।
धागा पचास फीसद महंगा, चादर के रेट नहीं बढ़े
एसोसिएशन की बैठक करते हुए लोकेश भाटिया ने कहा कि दो से तीन महीने पहले धागे का दाम 80 रुपये प्रति किलो था। धागा बनाने वाली कंपनियों का एकाधिकार है। कंपनियों ने रेट सवा सौ रुपये प्रति किलो तक पहुंचा दिए हैं। बाजार में थ्री डी बेडशीट का दाम 37 से 38 रुपये मीटर ही चल रहा है। उनकी लागत भी नहीं निकल रही। अगर लागत नहीं निकलेगी तो वे घाटे में फैक्ट्री क्यों चलाएं। बैठक में प्रधान मुलखराज गर्ग, विजय जैन, राजेश परुथी, अमित तायल, गर्वित हुड़िया, राजेश जैन, संजू जैन, योगेश जिंदल, मुकेश मल्होत्रा, विनीत कक्कड़ मौजूद रहे।
थ्रीडी बेडशीट और कारोबार के बारे में जानिये
पानीपत में वाटरजेट लूम से थ्रीडी बेडशीट बनाई जाती है। करीब तीन हजार वाटरजेट लगाई गई हैं, जिन पर कोरा कपड़ा बनता है। इसके बाद प्रिंटिंग होती है। यानी, थ्रीडी बेडशीट में महत्वपूर्ण भूमिका वाटरजेटलूम की ही रहती है। अगर लूम ही नहीं चलेगी तो बेडशीट नहीं बनेगी। रोजाना 12 लाख मीटर का उत्पादन होता है। यानी तीन लाख किलो रोजाना धागा चाहिए।
चीन को मात दी थी
पानीपत के उद्यमियों ने वाटरजेट लूम लगाकर चीन की इंडस्ट्री को मात दे दी थी। पहले चीन से ही ये चादर आयात होती थी। लेकिन अब इसका आयात पूरी तरह से बंद है। अब अगर पानीपत की इंडस्ट्री बंद होगी तो चीन फिर आगे निकल जाएगा।