Kayakalp Award: हरियाणा में बाबैन पीएचसी ने कायाकल्प में किया टाप, जानिए इसकी खासियत
हरियाणा में कायाकल्प पुरस्कार की दौड़ में कुरुक्षेत्र की बाबैन पीएचसी ने जीत हासिल की। बाबैन पीएचसी ने चार साल बाद फिर कायाकल्प में टाप किया। दो लाख रुपये मिलेंगे। संक्रमण नियंत्रण वर्षा जल संचयन और खुद खाद बनाने का काम भी कर रही पीएचसी।
कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। मरीजों के स्वास्थ्य का ख्याल रखने वाले सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों का बिगड़ा हाल अब सुधर रहा है। बाबैन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ने चार साल के बाद एक बार फिर से कायाकल्प में टाप किया है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से पीएचसी को दो लाख रुपये दिए जाएंगे। इस बार बाबैन ने 90 फीसद से ज्यादा का रिकार्ड तैयार कर दिया है। पीएचसी को यह खिताब परिसर में संक्रमण नियंत्रण करने के साथ-साथ वर्षा जल संचयन और खुद खाद तैयार करने की दिशा में काम करने के लिए मिला है।
इसके अलावा पीएचसी ने और कई स्वास्थ्य संबंधित विषयों को ध्यान में रखा, जिसके लिए जिला के स्वास्थ्य विभाग ने पीएचसी को चार साल के बाद फिर से प्रथम अवार्ड दिया है। इस अवार्ड की दौड़ में गांव टाटका, खानपुर, किरमिच, डीग, कल्साना और इस्माईलाबाद की पीएचसी थीं। यह तब है जब किरमिच की पीएचसी एक बार कायाकल्प में टाप कर चुकी है।
एक टीम काम कर रही स्वास्थ्य केंद्रों के स्वास्थ्य को सुधारने में : डा. सहाय
कायाकल्प के नोडल अधिकारी डिप्टी सिविल सर्जन डा. आरके सहाय ने बताया कि उनके पास जिले में एक टीम है, जो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की कायाकल्प करवा रही है। डा. सहाय ने बताया कि कंसलटेंट डा. शिल्पा, डा. प्रदीप सिंगला की टीम मिलकर तमाम पीएचसी, यूपीएचसी और सीएचसी की टीमों को अपने यहां स्वास्थ्य सुविधाएं देने के साथ-साथ संक्रमण नियंत्रण व तमाम तरह की जरूरी व्यवस्थाओं के प्रति प्रेरित कर रहे हैं। यही वजह है कि जिले में अब स्वास्थ्य केंद्रों में स्वच्छता को लेकर ज्यादा जागरूकता आई है।
स्वास्थ्य के साथ-साथ स्वच्छता पर विशेष ख्याल : डा. ऋषि
बाबैन पीएचसी प्रभारी डा. ऋषि ने बताया कि उनका पूरा स्टाफ कायाकल्प में प्रथम आने पर उत्साहित है। इससे पहले वर्ष 2016 में बाबैन पीएचसी ने कायाकल्प में टाप किया था। वर्ष 2020 में पीएचसी कुछ नंबरों से पिछड़ गया था और दूसरे नंबर पर आया था। इस बार टीम ने खूब मेहनत की। पीएचसी में स्वास्थ्य सुविधाओं का तो विशेष रूप से ख्याल रखा ही जा रहा है कि ज्यादातर मरीजों को पीएचसी में आने पर विभाग द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों के बारे में पता लगे। इसके अलावा स्वच्छता पर भी िवशेष ध्यान है। पीएचसी में वर्षा जल संचयन विधि को अपना गया है। इसके अलावा बेकार पड़े सामान से कूड़ेदान व दूसरे जरूरी कार्यों को निपटाया गया है। जिले में पुराने रिकार्ड को नियमानुसार नष्ट करने का काम सबसे पहले बाबैन पीएचसी ने ही किया है।