बाबा रामदेव ने कहा, अगर किसान और सरकर पीछे नहीं हटेंगे तो लट्ठ ही बजेगा
हरियाणा के डिप्टी उप मुुुुुुुुुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और बाबा रामदेव पानीपत पहुंचे। यहां एक शादी समारोह में आए थे। इस दौरान बाबा रामदेव ने कृषि कानून के विरोध में चल रहे किसानों के आंदोलन को लेकर प्रतिक्रिया भी दी।
पानीपत, जेएनएन। योग गुरु बाबा रामदेव ने कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन को समाप्त करने के लिए सुझाव दिया है कि केंद्र सरकार से समय और बढ़वा लें। इस कानून को तीन साल तक स्थगित करा लें। तब तक वार्ता कर किसान और देशहित में संशोधन करवा लें। अगर किसान पीछे नहीं हटेंगे और सरकार भी पीछे नहीं हटेगी, तब तो लट्ठ ही बजेगा। बाबा रामदेव समाजसेवी महासिंह गाहल्याण के फार्म हाउस पर शादी समारोह में पहुंचे थे। उनके बेटे दिनेश की शादी थी। यहां उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी पहुंचे थे। उन्होंने भी इस विषय पर कहा कि किसान नेता कहां हैं। बातचीत के लिए क्यों नहीं आगे आते।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि गतिरोध खत्म करने के लिए दोनों पक्षों को बात करनी ही होगी। क्या कृषि कानून काले हैं, इस पर बाबा रामदेव ने कहा कि काली और सफेद तो आदमी की नीयत होती है। हमने न कांट्रेक्ट पर खेती करनी है और न ही हम सरकार के प्रवक्ता हैं। कानून में जो संशोधन करने जरूरी थे, वो सरकार ने मान लिए। पूरा कानून ही वापस लेने पर किसान अड़े हैं। कानूनों में जो संशोधन जरूरी थे, सरकार ने काफी हद तक मान लिए हैं। बात तो यहां अड़ी है कि पूरा ही कानून वापस ले लो। जब दो-तीन साल तक कानून स्थगित हो सकता है तो समाधान निकल ही गया। रामदेव ने कहा कि कृषि देश का सबसे बड़ा सेक्टर है। इसमें सुधार की जरूरत है। आंदोलन में राजनीतिक हस्तक्षेप पर वह कुछ नहीं बोले। उन्होंने कहा कि यह सबको पता है।
अगले महीने हो सकती है पंचायत चुनाव की घोषणा : उपमुख्यमंत्री
उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि पंचायत चुनाव में महिलाओं को 50 फीसद आरक्षण दिया जाना है। इसके सम-विषम का ड्रा निकलना है। सभी जिलों के उपायुक्त को ड्रा के लिए लिखा गया है। ड्रा के होते ही सरकार नोटिफिकेशन करेगी। अगले महीने तक पंचायतीराज चुनाव की घोषणा हो सकती है। उन्होंने तहसील में भ्रष्टाचार के मामले में कहा कि सुबूत पेश करो। तथ्य के आते ही कार्रवाई की जाएगी। तहसील को पूरी तरह डिजिटल कर दिया गया है। किसानों के कृषि बिल पर उन्होंने कहा कि 40 के 40 नेता कहां गए हैं। बातचीत क्यों नहीं करते। उनके साथ जयभगवान गाहल्याण, मनोज जौरासी, जगपाल जौरासी, नरेश जौरासी, शेखर अग्रवाल, नरेश राठी, दलबीर दुहन, राजेंद्र मौजूद रहे।
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