यमुनानगर में तीन साल बाद भी नहीं बने सभी लाभार्थीयों के आयुष्मान कार्ड, जानिए क्या है वजह

यमुनानगर में तीन साल बीत जाने के बाद भी अब तक सभी लाभार्थीयों के आयुष्मान कार्ड नहीं बन पाए हैं। जिले में 4 लाख 24 हजार के करीब आयुष्मान कार्ड धारक है। इनमें से अभी तक केवल 1 लाख 82 हजार 403 लाभार्थीयों के ही कार्ड बन पाए है।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Tue, 17 Aug 2021 05:10 PM (IST) Updated:Tue, 17 Aug 2021 05:10 PM (IST)
यमुनानगर में तीन साल बाद भी नहीं बने सभी लाभार्थीयों के आयुष्मान कार्ड, जानिए क्या है वजह
तीन साल बाद भी नहीं बने सभी लाभार्थीयों के आयुष्मान कार्ड।

जागरण संवाददाता, यमुनानगर। आयुष्मान योजना के पात्रों कों तलाशना स्वास्थ्य विभाग के लिए मुश्किल हो रहा है। तीन साल से अधिक बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक सभी पात्रों के गोल्डन कार्ड नहीं बन सके हैं। यह हालात तब है, जबकि इस योजना में शामिल पात्रों का पांच लाख रुपये तक का निशुल्क इलाज होता है। जिले में चार लाख 24 हजार 50 आयुष्मान कार्ड धारक हैं। इनमें से अभी तक एक लाख 82 हजार 403 पात्रों के ही कार्ड बन सके हैं। स्वास्थ्य विभाग पात्रों को कार्ड बनवाने के लिए अपील कर रहा है। कैंप भी लगवा रहा है। इसके बावजूद सभी पात्रों के कार्ड नहीं बन पा रहे हैं।

वर्ष 2018 में आयुष्मान योजना जिले में शुरू हुई। वर्ष 2011 के सर्वे के आधार पर 94 हजार 265 परिवारों को पात्र माना गया। इसके हिसाब से चार लाख 24 हजार 50 लोगों के कार्ड बनाए जाने थे। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि हर सीएचसी व सीएससी पर आयुष्मान कार्ड बनवाए जा सकते हैं। यह व्यवस्था इसलिए की गई है, ताकि सभी पात्रों के आयुष्मान कार्ड बन जाए।

यह है बड़ी परेशानी

जनगणना के आधार पर जिन पात्रों का चयन किया गया। उस समय दिए गए मोबाइल नंबर व पते भी बदल चुके हैं। जिससे इन पात्रों को तलाशने में दिक्कत आ रही है। कुछ लोग यहां से छोड़कर दूसरी जगह चले गए हैं। उनके नाम पात्रता की सूची में है। उनके कार्ड उसी जिले से बनेंगे। जहां पर उनका नाम पात्रता सूची में है। काफी ऐसे भी लोग हैं, जिन्हें पात्रता के बारे में पता नहीं है। हालांकि पात्रता के बारे में पीएमजे डाट जीओवी डाट इन साइट पर पता लगाया जा सकता है। इसके बावजूद पात्र नहीं मिल रहे हैं। उदाहरण के तौर पर, यदि कोई वर्ष 2011 में यमुनानगर में रहता था और उसका सर्वे के आधार पर आयुष्मान योजना में नाम आया है, लेकिन अब वह यहां से छोड़कर दिल्ली या किसी और प्रदेश में रहने लगा है। उसे आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए यमुनानगर ही आना पड़ेगा।

कोरोना काल में भी लगाए शिविर

स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना काल में भी शिविर लगाए। मार्च व अप्रैल माह में शहर व देहात में कैंप लगाए गए। जिसमें 20 हजार पात्रों के कार्ड बनाए गए। जिन लोगों के गोल्डन कार्ड बन गए थे। कोरोना काल में ऐसे लोगों को बड़ा फायदा मिला। मई, जून व जुलाई माह में 234 मरीजों ने कोरोना जांच व इलाज आयुष्मान योजना के तहत कराया। गत वर्ष 2020 में 935 कोरोना संक्रमित मरीजों ने आयुष्मान योजना के तहत लाभ लिया।

नोडल अधिकारी ने की अपील

आयुष्मान योजना के नोडल अधिकारी डा. अश्विनी अलमादी ने बताया कि सभी पात्रों से अपील की जा रही है कि वह कार्ड बनवाए। जिससे वह योजना का फायदा उठा सके। इस समय आयुष्मान कार्ड बनाने में जिला प्रदेश में चौथे स्थान पर है।

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