राजकीय स्कूलों में बढ़ने लगी विद्यार्थियों की हाजिरी, जिले में पहुंची 70 फीसद के पार
प्रदेश के स्कूलों में नौंवी से बारहवीं की कक्षाएं लग रही हैं। 23 जुलाई से छठी से आठवीं कक्षा के बच्चे भी स्कूल आने लगेंगे। ऐसे में स्कूल में सफाई से लेकर सैनिटाइज का काम किया जा रहा है। वहीं राजकीय स्कूलों में विद्यार्थियों की हाजिरी का आंकड़ा भी धीरे धीरे बढ़ने लगा है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : प्रदेश के राजकीय व प्राइवेट स्कूलों में नौंवी से बारहवीं की कक्षाएं लग रही हैं। 23 जुलाई से छठी से आठवीं कक्षा के बच्चे भी स्कूल आने लगेंगे। ऐसे में स्कूल में सफाई से लेकर सैनिटाइज का काम किया जा रहा है। वहीं राजकीय स्कूलों में विद्यार्थियों की हाजिरी का आंकड़ा भी धीरे धीरे बढ़ने लगा है। पानीपत जिले की बात करें तो विद्यार्थियों की स्कूलों में हाजिरी 73 फीसद तक जा पहुंची है जोकि प्रदेश के जिलों में टाप टेन में 10वें नंबर पर है। नियम के हिसाब से आ रहे हैं 50 फीसद बच्चे
करीब तीन माह बाद 16 जुलाई से नौंवी से 12वीं तक की कक्षाएं कोविड-19 के पालन के साथ लगनी शुरू हुई हैं। प्रदेश के 3365 स्कूलों में उक्त कक्षाओं में 6 लाख 26 हजार 407 बच्चों ने एडमिशन लिया हुआ है। लेकिन नियम के हिसाब से एक दिन केवल 50 फीसद विद्यार्थियों को ही स्कूल बुलाया जाता है। आंकड़ों के मुताबिक 3 लाख 13 हजार 204 विद्यार्थियों में से 2 लाख 12 हजार 651 विद्यार्थियों ने स्कूल आना शुरू कर दिया है।
तापमान ज्यादा मिलने पर घर वापस भेजा
स्कूलों में सुबह साढ़े आठ से साढ़े ग्यारह तक कक्षाएं लग रही हैं। बच्चों का अभिभावकों से सहमति पत्र लेकर आना अनिवार्य है। एक डेस्क पर केवल एक विद्यार्थी को ही बैठा पढ़ाया जाता है। कोविड-19 नियमों के हिसाब से गेट पर प्रतिदिन विद्यार्थियों से लेकर स्टाफ तक की स्क्रीनिग (तापमान जांचा) की जाती है। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक मंगलवार को 38 विद्यार्थियों का शारीरिक तापमान 99 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा मिलने पर उन्हें वापस घर भेज दिया गया। पानीपत जिले में ऐसे दो विद्यार्थी थे। किताबों को लेकर असमंजस में विद्यार्थी
राजकीय स्कूलों में पढ़ने वाले पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों को निशुल्क किताबें मुहैया कराई जाती है। लेकिन कोविड-19 के चलते करीब सवा साल से न तो ठीक से स्कूल लग पाए हैं और न उक्त कक्षाओं के विद्यार्थियों को किताबें मिल पाई हैं। इस बार भी पुरानी किताबों का पारस्परिक आदान प्रदान कराने के लिए अभियान चलाने के साथ किताब खर्च के रुपये बच्चों के खाते में डालने की घोषणा की गई। लेकिन अभी तक बच्चों के खाते में किताबों के रुपये नहीं पहुंचे हैं। ऐसे में बिन किताब छठी से आठवीं तक के बच्चे कैसे पढ़ाई कर पाएंगे। खासकर नए एडमिशन वाले बच्चों को किताबों को लेकर परेशानी होगी। निर्देश जारी कर दिए गए हैं
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी बृजमोहन गोयल ने दैनिक जागरण को बताया कि स्कूलों में विद्यार्थियों की हाजिरी बढ़ने लगी है। शुक्रवार से छठी से आठवीं तक की कक्षाएं लगनी शुरू हो जाएंगी। इसको लेकर राजकीय व निजी स्कूल इंचार्ज को स्कूल सैनिटाइज कराने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उन्हें कोविड-19 व विभाग द्वारा जारी एसओपी का पालन करने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से सभी स्कूल मुख्याध्यापकों के लिए गूगल फार्म भी जारी किया गया है। फार्म में मुख्याध्यापक को स्कूल आने वाले बच्चों की संख्या व उनके तापमान को लेकर रोजाना रिपोर्ट देनी होगी। जो सीधे विभाग के पास जाएगी। राजकीय स्कूलों में पांच जुलाई तक छठी से आठवीं तक के बच्चों की संख्या
कक्षा विद्यार्थियों की संख्या
छठी 9340
सातवीं 8742
आठवीं 8839 किस जिले में कितने फीसद आने लगे बच्चे
जिला फीसद (विद्यार्थियों की हाजिरी)
करनाल 90
झज्जर 83
फरीदाबाद 80
अंबाला 78
कुरूक्षेत्र 77
रोहतक 76
पलवल 75
रेवाड़ी 74
पंचकूला 74
पानीपत 73 (नोट : राजकीय स्कूलों में विद्यार्थियों की हाजिरी से संबंधित ये आंकड़ा 20 जुलाई का है।)