दिनदहाड़े रिटायर्ड एएसआइ को चाकू से गोदा, पुलिस कार्यप्रणाली भी सवालों में

शहर में रिटायर्ड एएसआइ की दिनदहाड़े हत्या का प्रयास किया गया। अपराधियों ने चाकू से कई बार वार किए। आखिर क्या थी वजह, जानने के लिए पढ़ें ये खबर।

By Ravi DhawanEdited By: Publish:Wed, 16 Jan 2019 12:56 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jan 2019 11:16 AM (IST)
दिनदहाड़े रिटायर्ड एएसआइ को चाकू से गोदा, पुलिस कार्यप्रणाली भी सवालों में
दिनदहाड़े रिटायर्ड एएसआइ को चाकू से गोदा, पुलिस कार्यप्रणाली भी सवालों में

पानीपत, जेएनएन। वार्ड-11 में मोहर सिंह चौक के पास दुकान पर कब्जा करने से रोकने पर कुछ लोगों ने मंगलवार सुबह सेवानिवृत्त एसआइ को 20 मीटर तक घसीटकर डंडों से पीटा और चाकू से गोद डाला। आरोपित मौके पर चाकू छोड़कर भाग गए। पीडि़त ने आरोप लगाया कि उसने किला थाने में पांच बार शिकायत दे रखी है, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। 

सेवानिवृत्त एसआइ वार्ड-11 निवासी जितेंद्र अरोड़ा ने बताया कि उसने वार्ड में 1998 से 22 गज की दुकान ले रखी है। दुकान के बाहर स्थानीय निवासी ङ्क्षबद्री व सुबा ने जबरन तख्त डाल रखा था। इस पर मुंशी नामक व्यक्ति सब्जी बेचता था। ये दोनों मुंशी से 1500 रुपये महीने के लेते थे। उसने तख्त हटवाकर थड़ा लगा दिया। आरोपितों ने थड़ा व दुकान की छत तोड़ दी थी। 

दुकान पर कब्जे की कोशिश
गौरव पंडित व अन्य कई लोग भी आरोपितों का साथ देकर उसकी दुकान पर कब्जे की कोशिश कर रहे थे। वह विरोध कर रहा था तो वे उससे रंजिश रखते थे। वह दुकान से सब्जी लेने जा रहा था। तभी पप्पू छाबड़ा की मिठाई की दुकान के सामने उसे घेर लिया। 

पहले मुंह ढका फिर घसीट कर चाकू से हमला किया
उस पर मुंह ढके गौरव पंडित, प्रवीण, नरेश उर्फ काका और कुणाल बादशाह ने डंडों से पीटा। वह जमीन पर गिरा तो उसे बिल्लू बिजली वाले की दुकान तक घसीटा गया। पप्पू छाबड़ा ने उस पर चाकू से हमला किया। हमलावर उसे बेहोश होने तक उसे पीटते रहे। आरोपित से उसे मरा समझकर चाकू छोड़ भाग गए। उसे होश आया तो पुलिस को सूचना दी। 

अस्पताल में घायल जितेंद्र।

ये लगाए आरोप
घायल जितेंद्र को परिजनों को सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया। उनके सिर, हाथ, पैरों व पेट में चोट के निशान हैं। जितेंद्र कुमार की ओर से अस्पताल में पार्षद चंचल सहगल के पति विजय सहगल सहित कई भाजपा नेता पहुंचे। वे आरोप लगाते रहे कि कांग्रेस नेता ने जितेंद्र अरोड़ा पर हमला कराया है। क्योंकि जितेंद्र ने चुनाव में भाजपा का साथ दिया था।

पुलिस ने नहीं की सुनवाई, तभी आरोपितों का हौसला बढ़ा
घायल जितेंद्र अरोड़ा की बड़ी बहन शशि खुराना ने बताया कि उसके पिता रामस्वरूप एएसआइ से सेवानिवृत्त थे। छोटा भाई सुनील भी एएसआइ है। भाई जितेंद्र ने किला थाना पुलिस में 14 अक्टूबर 2018, 3 दिसंबर, 3 जनवरी 2019, 4 जनवरी और 10 जनवरी को दुकान पर कब्जा करने के प्रयास के आरोपितों के खिलाफ शिकायत दी थी। भाई पुलिस महकमे से सेवानिवृत्त है इसके बावजूद पुलिस ने सुनवाई नहीं की। पुलिस आरोपितों के पास चाय पीकर चली जाती है। उसके भाई को पागल घोषित करने का प्रयास किया जा रहा है। तभी तो आरोपितों का हौसला बढ़ा और उन्होंने भाई पर जानलेवा हमला किया। उसे व उसके परिजनों को भी जान का खतरा है। 

कब्जे का मामला नहीं है
दुकान पर कब्जा करने का मामला नहीं है। जितेंद्र की शिकायत पर प्रवीण, गौरव पंडित, नरेश उर्फ काका, पप्पू छाबड़ा, कुनाल बादशाह और राजू खत्री के खिलाफ मामला दर्ज कर लया है। 
वीरेंद्र कुमार, प्रभारी, किला थाना

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