Ramlila 2021: रामभक्ति में डूबे कलाकार, लंकापति नाम से मशहूर हुए एडवोकेट, पटवारी को बुलाने लगे लक्ष्‍मण जी

Ramlila 2021 कैथल में श्री ग्यारह रुद्री मंदिर परिसर में रामलीला के किरदार को अब लोग उनके वास्‍तविक नाम से नहीं बुलाते हैं। लंकापति नाम से मशहूर हुए एडवोकेट गौरव शर्मा और पटवारी तरसेम को लोग लक्ष्‍मणजी कहते हैं।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 07:22 PM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 07:47 AM (IST)
Ramlila 2021: रामभक्ति में डूबे कलाकार, लंकापति नाम से मशहूर हुए एडवोकेट, पटवारी को बुलाने लगे लक्ष्‍मण जी
कैथल में श्री ग्यारह रुद्री मंदिर परिसर में रामलीला का मंचन।

कैथल, [कमल बहल]। रामलीला का मंचन करने वाले कलाकारों को अब लोग उनके किरदार के नाम से ही पुकारते हैं। कलाकार भी राम भक्ति में हर साल बढ़चढ़कर हिस्‍सा लेते हैं। अब तो लंकापति नाम से मशहूर एडवोकेट साहब मशहूर हो गए हैं और पटवारी को लोग लक्ष्‍मण जी बुलाते हैं। कैथल में श्री ग्यारह रुद्री मंदिर परिसर में रामलीला को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।

श्री ग्यारह रुद्री मंदिर परिसर में श्री गणेश ड्रामाटिक क्लब की ओर से रामलीला होती है। रामलीला में मंचन करने वाले कलाकार अच्‍छे पदों पर कार्यरत है। दिन में जहां ड्यूटी करते हैं वहीं, रात में राम भक्ति में डूब जाते हैं। इन कलाकारों का कहना है कि रामायण के किरदारों को वह दस दिन के रामलीला में मंचन में निभाते हैं। परंतु रामायण के संस्कारों का प्रभाव मंचन की शुरूआत से उनके जीवन में है। यही कारण है भगवान श्री राम की भक्ति में लीन रहते हैं।

रावण का किरदार निभा रहे गौरव शर्मा को वकील नहीं, लंकापति लंकेश से जानते लोग

मंचन में रावण का किरदार निभा रहे कलाकार गौरव शर्मा वैसे तो पेशे से वकील हैं। विशेष बात यह भी है कि इन्हें कोर्ट में वकील नहीं, बल्कि लंकापति लंकेश से जाना जाता है। गौरव शर्मा बताते हैं कि भगवान श्री राम के जीवन से केवल अच्छे संस्कार ही मिलते हैं। वे कहते हैं बेशक पेशे से वह वकील है, लेकिन हर समय उनका यही प्रयास रहता है कि वह त्याग की भावना से आम लोगों की अपने पेशे के माध्यम से भलाई करे। सही को न्याय मिले और गलत को सजा। सच्चाई की जीत और झूठ की हार।

शर्मा ने कि रामलीला मंचन के दिनों में वह तीन से चार घंटे तक ही सोते हैं। रात के समय मंचन करते हैं तो सुबह के समय कोर्ट में दलीलें देते हैं। शर्मा ने कहा कि जब वह कोर्ट में बहस करते हैं तो अक्सर ऊंची आवाज से बोल पड़ते हैं। जिसमें वह उनकी आवाज को सुन न्यायाधीश भी आश्चर्यचकित हो जाते हैं। शर्मा ने बताया कि दशहरा पर्व के दिनों में वे एक बार अपने चैंबर में रिहर्सल कर रहे थे। उस समय पूर्व न्यायाधीश एमएम धाैंचक कोर्ट परिसर का दौरा कर रहे थे। रिहर्सल के समय में उनकी आवाज सुन जज वहां पहुंचे। जिस स्वयं न्यायाधीन ने जनक का किरदार में उनकी स्वयं के दौरान होने वाले रावण के किरदार की रिहर्सल करवाई।

पटवारी 13 साल से कर रहे रामलीला मंचन

इसी प्रकार से लक्ष्मण का किरदार निभा रहे तरसेम कुमार पटवारी है। उनकी नियुक्त वर्ष 2018 में ही हुई है। इससे पहले वह एक निजी स्कूल में शिक्षक के रूप में कार्यरत थे। तरसेम ने बताया कि वह 13 साल से रामलीला का मंचन कर रहे हैं। उस समय उनकी आयु 18 साल थी। जिस समय मंचन शुरू किया। पिछले सात सालों से लक्ष्मण का किरदार निभा रहे हैं। तरसेम ने बताया कि धान का सीजन होने के कारण किसानों द्वारा खेतों में पराली न जलाई जाए। इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा उनकी अलग-अलग गांवों में ड्यूटी लगा दी जाती है।

रात को मंचन समाप्त होने के बाद घर लौटते हैं तो सुबह नौ बजे अपनी ड्यूटी पर होते हैं। तरसेम ने बताया कि शुरूआत में जब वह मंच पर आए तो आयु केवल 18 साल की थी। इसके बाद जब पढ़ाई पूरी हुई तो मन में केवल सरकारी नौकरी पाने की ही इच्छा थी। इसी इच्छा को लेकर उन्होंने इसी मंच के माध्यम से भगवान श्रीराम से सरकारी नौकरी मांगी। वर्ष 2018 में सरकारी नौकरी मिली। भगवान श्रीराम के जीवन से वह हर समय अच्छे करने की सोचते आए हैं। यही नतीजा रहा कि वह अच्छी जगह पर कार्य कर रहे हैं।

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