बाढ़ से निपटने के लिए इंतजाम अधूरे

मानसून आने वाला है। बाढ़ नियंत्रण को लेकर तैयारियां शून्य दिखाई दे रही हैं। पत्थरों की ठोकरों व बांध में जगह-जगह कटाव है। गांव राणा माजरा पत्थरगढ नवादा आर नवादा पार तामशाबाद रामडा आर रिसपुर नन्हेड़ा अधमी जलमाना मिर्जापुर गोयला खुर्द संजौली खोजकीपुर बिलासपुर हथवाला राक्सेडा कारकोली ने बताया कि अनेक गांव यमुना नदी से सटे हुए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 08:22 AM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 08:22 AM (IST)
बाढ़ से निपटने के लिए इंतजाम अधूरे
बाढ़ से निपटने के लिए इंतजाम अधूरे

संवाद सहयोगी, सनौली : मानसून आने वाला है। बाढ़ नियंत्रण को लेकर तैयारियां शून्य दिखाई दे रही हैं। पत्थरों की ठोकरों व बांध में जगह-जगह कटाव है। गांव राणा माजरा, पत्थरगढ, नवादा आर, नवादा पार, तामशाबाद, रामडा आर, रिसपुर, नन्हेड़ा, अधमी, जलमाना, मिर्जापुर, गोयला खुर्द, संजौली, खोजकीपुर, बिलासपुर, हथवाला, राक्सेडा, कारकोली ने बताया कि अनेक गांव यमुना नदी से सटे हुए हैं। बरसात के मौसम में यमुना नदी का जल स्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है। सिचाई विभाग के एक्सईएन सुरेश सैनी का कहना है कि पिछले वर्ष ठोकरें रिपेयर कराई गई थीं। पानी भी कम आया था। अब जरूरत नहीं है। सात लाख क्यूसिक पानी तक कोई परेशानी नहीं है।

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