मम्मी ने खेल-खेल में याद कराए Logo के नाम, बेटे ने इंडिया बुक आफ रिकार्ड में दर्ज कराया नाम

बच्‍चों को पढ़ाने के अजब-गजब तरीके होते हैं। यमुनानगर निवासी खुशबू जैन ने शायद ही सोचा होगा कि खेल-खेल में पढ़ाने का तरीका बच्‍चों का नाम इंडिय बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज करा पाएगा। बच्‍चे को लोगो के नाम याद हैं।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 27 Jan 2021 09:08 AM (IST) Updated:Wed, 27 Jan 2021 09:08 AM (IST)
मम्मी ने खेल-खेल में याद कराए Logo के नाम, बेटे ने इंडिया बुक आफ रिकार्ड में दर्ज कराया नाम
अपने माता पिता के साथ अर्णव जैन।

पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। नाम अर्णव जैन उम्र पौने पांच साल और कक्षा नर्सरी में पढ़ता है। इस उम्र के जो बच्चे स्कूल में ए, बी, सी पढऩा सीखते हैं। उस उम्र में अर्णव को मल्टी नेशनल कंपनियों के 260 से ज्यादा लोगो (प्रतीक चिह्न) को पहचानता हैं। अर्णव देखते ही बता देता है कि वह लोगो कौन सी कंपनी का है। इसी प्रतिभा के दम पर ही अर्णव ने अपना नाम इंडिया बुक आफ रिकार्डस में दर्ज कराया है। जो भी अर्णव की इस प्रतिभा के बारे में सुनता है हैरान रह जाता है। उन्होंने खेल-खेल में विभिन्न कंपनियों के लोगो की पहचान करना सीखा था। शायद उस वक्त स्वजनों को भी नहीं पता होगा कि बच्चे का यही हुनर एक दिन रिकार्ड भी बन सकता है।

लाकडाउन में घर बैठे हो गया था मायूस

सेक्टर-17 में रहने वाला अर्णव जैन स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल में नर्सरी कक्षा का छात्र है। वर्ष मार्च 2020 में जब लाकडाउन लगा था तो स्कूल बंद होने से बच्चे घर में कैद होकर रह गए थे। लंबे समय तक घर में रहने से अर्णव भी मायूस हो गया था। तब उन्हें व्यस्त रखने के लिए उनकी मम्मी खुशबू जैन ने अर्णव की मोबाइल से वीडियो बनानी शुरू कर दी। इसी दौरान उन्होंने बेटे को घर में ही बताया कि टीवी, मोबाइल, फ्रिज, एसी कौन सी कंपनियों के हैं। यह वीडियो खुशबू की दोस्त प्रोफेसर कालोनी निवासी आरती ने देखे तो उन्हें बताया कि आपका बेटा प्रतिभा का धनी है। क्योंकि इतनी कम उम्र में ही वह विभिन्न कंपनियों के लोगो को पहचान लेता है। तब आरती ने उन्हें इंडिया बुक आफ रिकार्डस के बारे में बताया था।

गूगल से डाउनलोड किए कंपनियों के लोगो

खुशबू ने बताया कि वह एमए, बीएड पास है। शादी से पहले पढ़ाती थीं। परंतु अर्णव के जन्म के बाद स्कूल छोडऩा पड़ा। उसने गूगल से विभिन्न कंपनियों के लोगो डाउनलोड किए। इसके लिए मोबाइल में अलग से फोल्डर बनाया ताकि बेटे को सब कुछ एक ही जगह मिल जाए। इसके लिए वह उसे रोजाना शाम को बाजार में लेकर जाती थी। रास्ते में दुकानों, शोरूम के बाहर लिखे कंपनियों के लोगो के बारे में उसे बताती थी। अर्णव ने काफी मेहनत की और कुछ ही दिन में उसने ई-कामर्स, गाडिय़ों, फूड, सोशल मीडिया, टीवी चैनल, टीवी शो, कपड़े, मोबाइल फोन, सिम कार्ड समेत 260 मल्टी नेशनल कंपनियों के लोगो की पहचान कर ली। इसके लिए अर्णव ने पांच मिनट 50 सेकेंड का समय लिया। जिसे इंडिया बुक आफ रिकार्डस में दर्ज किया गया। इसके लिए उन्हें मेडल, प्रमाण पत्र व किताब से नवाजा गया। जबकि पहले तमिलनाडू के ही एक बच्चे का 180 लोगो को पहचाने का रिकार्ड था।

मोबाइल व टीवी देखना पसंद नहीं

अर्णव के पिता रविश जैन ई-रिक्शा व इलेक्ट्रिक स्कूटर की एजेंसी चलाते हैं। खुशबू ने बताया कि अर्णव को टीवी व मोबाइल देखना बिल्कुल भी पसंद नहीं है, जबकि आजकल के बच्चे अपना सारा दिन मोबाइल पर ही बिताते हैं। उन्हें बेटे की इस सफलता पर बहुत खुशी हो रही है। इसके लिए शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर के अलावा स्कूल में भी अर्णव को सम्मानित किया गया।

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