भैंस, तोता, मुर्गी भी रहते हैं आपके साथ, तो सरकार उन्हें मानेगी आपके फैमिली मेंबर
गाय, भैंस के बाद तोता, मछली और मुर्गी की गणना होगी। पशुपालन विभाग पहली बार सभी पशुओं की ऑनलाइन गणना करेगा। गणना करने वालों को टेबलेट व बीएसएनएल के सिम कार्ड दिए गए।
पानीपत/यमुनानगर [राजेश कुमार]। अगर आपके यहां गाय, भैंस, तोता या मछली पाले हैं तो वह आपके परिवार के सदस्य हैं। जी हां, ये सच है और आपको अब ये मानना होगा। इसकी जानकारी भी प्रदेश सरकार को देनी होगी। अगर यकीन नहीं हो रहा तो पढ़ें ये रिपोर्ट।
प्रदेश सरकार अभी तक गाय, भैंस, भेड़ और बकरी की गणना कराती रही है। इस साल पहली बार तोता, मछली, मुर्गी, पालतू कुत्ता और बिल्लियों की भी गणना कराएगी। पशुओं की गणना पहली बार ऑनलाइन होगी। इसके लिए कर्मचारियों व टेबलेट दिए गए हैं।
2012 में हुई थी गणना
पशुपालन विभाग प्रत्येक पांच साल बाद पशुओं की गणना कराता है। इससे पहले वर्ष 2012 में गणना हुई थी। इस बार ऑनलाइन गणना कराने का निर्णय लिया है। इसीलिए इसमें एक साल की देरी हो गई। इसी महीने के अंतिम सप्ताह या फिर फरवरी के शुरुआत में कर दिया जाएगा।
घर-घर जाकर जुटाएंगे डाटा
यमुनानगर में इस कार्य के लिए 92 गणक व 17 सुपरवाइजर लगाए गए हैं। इनकी संख्या अभी बढ़ाई जाएगी। गणक घर-घर जाकर जो डाटा जुटाएंगे उसमें से 10 प्रतिशत गणना की जांच सुपरवाइजर करेंगे। सुपरवाइजर के सेव करने के बाद ही डाटा पशुपालन विभाग के उपनिदेशक के पास जाएगा। उनके सेव करने के बाद ही इसे सर्वर में भेजा जाएगा।
साथ खींचा जाएगा पशुपालक का फोटो
गणक घर बैठे पशुओं का फर्जी डाटा तैयार न कर सके इसलिए सभी टेबलेट को जीपीएस सिस्टम से अटैच किया गया है। पशुगणना के लिए तैयार किया गया सर्वर तब तक काम नहीं करेगा जब तक कर्मचारी रोस्टर के अनुसार उस गांव में नहीं जाएगा। कर्मचारी गांव में जाकर पशु के साथ पशुपालक का फोटो खींचेगा। इसके साथ ही पशु का रंग, प्रजाति, दूध देता है या नहीं, ब्यांत कब हुआ, पशु को टीके कब लगे, पेट के कीड़े मारने की दवा पिलाई गई या नहीं पशुपालक की आमदनी, बैंक से लोन लिया गया है या नहीं, पशुपालक का आधार कार्ड व मोबाइल नंबर समेत अन्य जानकारी ऑनलाइन भरी जाएगी।
इसलिए तोता, मछली व मुर्गी की गणना
तोता, मछली, मुर्गी, पालतू कुत्ते, बिल्ली की जानकारी इसलिए जुटाई जा रही है ताकि ये पता चल सके कि गाय, भैंस, घोड़ा, गधा, खच्चर के अलावा लोगों को कितने अन्य पशु, पक्षियों में रुचि है। जैसे पहले केवल आवारा कुत्तों की ही गणना होती थी, लेकिन इस बार पालतू कुत्तों की भी गणना होगी। लोगों की रुचि के आधार पर ही केंद्र और प्रदेश सरकार योजनाएं बनाएगी।
तीन माह में पूरी होगी गणना : सत्यबीर सिंह
पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. सत्यबीर सिंह का कहना है कि तोता, मछली, मुर्गी, बिल्लियों आदि की गणना पहली बार की जाएगी। पशु गणना करने वाले कर्मचारियों को विशेष ड्रेस दी जाएगी। पहली बार विभाग द्वारा ऑनलाइन गणना की जा रही है। तीन माह में गणना करने का टारगेट रखा है।