पशुपालकों के सामने फिर खड़ी हुई मुश्किल, हरियाणा में पशु आहार के रेट छूने लगे आसमान

हरियाणा में पशुपालकों के सामने पशु आहार की समस्या खड़ी हो गई है। खल व बिनोले के दाम तीन महीने में डेढ़ गुना तक बढ़ चुके हैं। 43 रुपये प्रतिकिलो पहुंचे बिनोले। 36 रुपये किलो मिल रही है खल। आगे और तेजी की संभावना है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Mon, 03 May 2021 04:44 PM (IST) Updated:Mon, 03 May 2021 04:44 PM (IST)
पशुपालकों के सामने फिर खड़ी हुई मुश्किल, हरियाणा में पशु आहार के रेट छूने लगे आसमान
पशुपालक दिन में दो बार की जगह एक ही बार खल और बिनोले पशुओं को दे रहे हैं।

कैथल, जेएनएन। पशुओं के आहार बिनोले व खल के रेटों में फिर तेजी आ गई है। ऐसे में जिन पशुपालकों की आमदनी का मुख्य स्रोत दूध बेचकर अपने घर की जीविका चलाना है, उन्हें अब पशु पालना मुश्किल हो रहा है। जून माह से लगातार दो बार पशु आहार में बढ़ोतरी हो चुकी है। बता दें कि फरवरी व मार्च के महीने में बिनोले के रेट 30 रुपये किलो व खल का रेट 25 रुपये किलो था। तीन महीने से लेकर अब तक बिनोले का रेट 13 रुपये किलो बढ़ चुका है। वहीं खल के रेट में भी 11 रुपये किलो की बढ़ोतरी हो चुकी है। ऐसे में बढ़ते भावों से पशुपालक परेशान हैं। अब ऐसे में पशुपालक चारा खिलाकर ही पशुओं का पेट भर रहे हैं।

कैथल की खल व बिनोले की दूसरे जिलों में भी मांग

बता दें कि कैथल की खल व बिनोले की दूसरे जिलों में भी मांग है। कैथल से जींद, सिरसा, कुरुक्षेत्र, करनाल, युमनानगर, अंबाला इत्यादि शहरों में खल व बिनौला की खपत होती है। व्यापारी ऑनलाइन ऑर्डर भी करवाते हैं।

प्रतिदिन महंगे हो रहे है खल व बिनोले

पशु पालक रमेश, राजेंद्र, रामकुमार, रणधीर, रामनिवास ने बताया कि 15 से 20 पशुओं को पालते हैं, जिनसे दूध का व्यवसाय करते है। बढ़ते भाव की वजह से अब खल और बिनोले जिन पशुओं को दिन में दो बार आहार के रूप में देते थे, अब एक बार ही दिया जा रहा है। बिनोले और खली में लागत इतनी बैठ रही है कि खरीदना मुश्किल हो रहा है। पशुओं को खिलाने वाला आहार दिन-प्रतिदिन महंगा होता जा रहा है, लेकिन बचत कम हो रही है।

इसलिए कम निकल रहे बिनोले

व्यापारी रणधीर, रामकिशन का कहना है कि पिछले साल कपास की फसल में कीड़ा लग गया था, इससे बिनोले कम निकल रहा है। बिनोले कम होने के कारण भाव में तेजी आ रही है। आगामी दिनों में भी तेजी आ सकती है। सरसों का रेट बढ़ने से खल के भाव भी बढ़ रहे हैं।

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