हरियाणा के अंबाला में मानसून की बेरुखी, 37 फीसद कम हुई बारिश

अंबाला में 37 फीसद कम मानसून की बारिश हुई। अंबाला में सामान्य से काफी कम बारिश हुई है। धान उत्पादकों को सिंचाई के लिए अपनाने पड़े वैकल्पिक साधन। 30 सितंबर तक रहता है मानसून सक्रिय एक पखवाड़ा ही बचा है सीजन खत्म होने में।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 11:18 AM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 11:18 AM (IST)
हरियाणा के अंबाला में मानसून की बेरुखी, 37 फीसद कम हुई बारिश
अंबाला में इस बार सामान्‍य से कम बारिश हुई।

अंबाला, जागरण संवाददाता। बेशक मानसून में हुई बारिश ने जलभराव जैसे हालात तो दिखा दिए, लेकिन आंकड़ों पर नजर मारें, तो इस बार मानसून अंबाला में दगा दे गया। सामान्य से कहीं कम बारिश अंबाला में रिकार्ड की गई है। इसका सीधा असर धान उत्पादकों पर रहा, जिनको सिंचाई के लिए अन्य साधन अपनाने पड़े। अब मानसून सीजन के समाप्त होने को एक पखवाड़े का समय बचा है। दूसरी ओर प्रदेश की बात करें, तो सामान्य से अधिक बारिश रिकार्ड हुई है। अब पंद्रह दिनों में मौसम का क्या रुख होगा, कहा नहीं जा सकता, लेकिन आने वाले दिनों में बारिश की संभावनाएं भी बन रही हैं।

मानसून सीजन में इस बार अंबाला काफी पिछड़ गया है। मौसम विभाग के आंकड़े बता रहे हैं कि मानसून की मेहरबानी इस इस बार अंबाला पर कम हुई है। आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश में अंबाला और पंचकूला ही दो जिले हैं, जहां पर सामान्य से कम बारिश रिकार्ड हुई है। अंबाला में सामान्य से 37 फीसद तथा पंचकूला में 53 फीसद कम बारिश हुई है। हालांकि कुछ जिले ऐसे भी हैं, जहा सामान्य से कम बारिश हुई है, लेकिन यह आंकड़ा काफी कमी है। इस में गुरुग्राम, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, हिसार, जींद, पानी जिले ऐसे हैं, जहां सामान्य से अधिक बारिश हुई है। अंबाला में मानसून सीजन में 790.5 एमएम बारिश सामान्य थी, लेकिन इस सीजन में 500 एमएम बारिश ही रिकार्ड की गई। यानी अंबाला में सामान्य से 37 फीसद कम बारिश हुई है। जिस तरह से बारिश कम हुई है, उसमें किसानों को भी धान की फसल में सिंचाई देने के लिए अन्य साधन अपनाने पड़े हैं।

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