अंबाला नगर निगम चुनाव: राजनीतिक दलों ने शुरू की तैयारी, विपक्ष ने अभी पत्ते नहीं खोले

हरियाणा में नगर निगम चुनाव को लेकर पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि अभी तक विपक्ष ने अपने पत्‍ते नहीं खोले हैं। वहीं अंबाला में भाजपा के विधायक असीम गोयल अपने विकास कार्यों के दम पर वोट मांगेंगे।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Sat, 05 Dec 2020 07:01 AM (IST) Updated:Sat, 05 Dec 2020 07:01 AM (IST)
अंबाला नगर निगम चुनाव: राजनीतिक दलों ने शुरू की तैयारी, विपक्ष ने अभी पत्ते नहीं खोले
अंबाला नगर निगम चुनाव के लिए तैयारी शुरू।

पानीपत/अंबाला, जेएनएन। नगर निगम अंबाला के चुनाव में जहां भाजपा विकास के दावों के साथ आगे बढ़ेगी, वहीं विपक्ष के लिए यह चुनाव आसान नहीं होगा। एक तरह से विपक्ष के लिए अपनी राजनीतिक जमीन को मजबूत करने के लिए यह एक मौका है। हालांकि विपक्ष ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं, जबकि वह भाजपा के कदम का इंतजार कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि 27 दिसंबर को नगर निगम अंबाला के लिए वोटिंग होगी। इस चुनाव में अभी तक का सबसे बड़ा ट्विस्ट हिम्मत सिंह का माना जा रहा है, जो एचडीएफ को अलविदा कह चुके हैं। वे किसके पाले में बैठेंगे इसका खुलासा नहीं हुआ है। 

नगर निगम का चुनाव शहर विधायक असीम गोयल के लिए जहां अग्निपरीक्षा वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा के लिए भी चुनौती से कम नहीं है। भाजपा विधायक असीम गोयल निगम चुनाव में विकास कार्यों के दम पर अपनी चुनावी रणनीति को आगे बढ़ाते दिख रहे हैं। इसी को लेकर अपनी नुक्कड़ सभाओं में संकेत भी दे चुके हैं। चुनावों की घोषणा होने से पहले ही दबाकर विकास कार्यों का शिलान्यास भी किया गया है। इससे साफ है कि भाजपा का मुद्दा विकास कार्य ही रहेगा। दूसरी ओर अंबाला की पूर्व सांसद रहीं व मौजूदा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा के लिए यह चुनाव चुनौती से कम नहीं है। अंबाला को सैलजा भली प्रकार से समझती हैं, जबकि उनके नेतृत्व में निगम चुनाव होंगे। ऐसे में सत्ता पक्ष को घेरने के लिए कांग्रेस किन मुद्दों के साथ उतरेगी, अभी इसका खुलासा नहीं हुआ है। 

दूसरी ओर एचडीएफ को छोड़ चुके हिम्मत सिंह का मामला भी राजनीतिक क्षेत्रों में चर्चा बना हुआ है। उल्लेखनीय है कि पूर्व मंत्री निर्मल सिंह को जब कांग्रेस से टिकट नहीं मिला, तो उन्होंने आजाद उम्मीदवार के तौर पर शहर से चुनाव लड़ा था। कांग्रेस को छोड़कर हिम्मत सिंह ने पूर्व मंत्री का साथ दिया। बाद में निर्मल सिंह ने हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट से पार्टी बना ली, जबकि अब हिम्मत सिंह उनसे किनारा कर चुके हैं। राजनीति के मैदान में वे किस पाले में खड़े होंगे अभी साफ नहीं है। इसी तरह पूर्व मंत्री रहे विनोद शर्मा भी अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारने की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में यह चुनाव काफी रोचक होता दिखाई दे रहा है, जबकि आने वाले दिनों कई चौकाने वाले ट्विस्ट देखने को मिल सकते हैं।

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