अंबाला कैंटेनमेंट बोर्ड में जल सरंक्षण को उठाया जा रहा बड़ा कदम, तीन करोड़ लीटर तक पानी बचेगा

अंबाला में भूजल स्‍तर को सुधारने की कवायद शुरू की गई है। अंबाला के कैंटेनमेंट बोर्ड में ये बड़ा कदम उठाया गया है। रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से तीन करोड लीटर पानी कैंटोनमेंट बोर्ड बचाएगा। साथ ही जलभराव से निजात मिलेगी।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 09:02 AM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 09:02 AM (IST)
अंबाला कैंटेनमेंट बोर्ड में जल सरंक्षण को उठाया जा रहा बड़ा कदम, तीन करोड़ लीटर तक पानी बचेगा
अंबाला कैंटोनमेंट बोर्ड ने जल संरक्षण की पहल की।

अंबाला, जेएनएन। भू-जल स्तर को सुधारने के लिए कैंटोनमेंट बोर्ड द्वारा पहल शुरू की गई है। पटेल पार्क में बन रहे 15 फिट गहरे रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बरसात से पहले शुरू हो जाएगा। करीब 80 फीसद काम पूरा हो चुका है। रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम में इन दिनों जगह-जगह बोर और फिल्टर लगाने का काम किया जा रहा है। उसके बाद कैंटोनमेंट बोर्ड तीन हजार लीटर पानी रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के जरिए बचाएगा।

इस रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से क्षेत्र के तीन अलग-अलग नालों को भी कनेक्ट किया गया है। अभी तक इन नालों का पानी वेस्ट हो रहा था। पटेल पार्क की झील में 6 फिट पानी हमेशा भरा रहेगा। साथ ही इस झील के सौंदर्यीकरण के साथ-साथ बोटिंग सिस्टम भी शुरू किया जाएगा। जिससे कैंटोनमेंट बोर्ड की आमदनी भी बढ़ेगी। 

ये नाले होगे कनेक्ट

रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम शुरू होने के बाद जलभराव की समस्या से भी निजात मिलेगा। साथ नालों का पानी भी सड़कों पर नहीं भरेगा। क्योंकि बरसात में नालों का पानी सड़कों पर आ जाता है। सड़कों पर जलभराव की समस्या रहती है। पटेल पार्क के रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से तीन नालों को जोड़ा जाएगा। इनमें रानी का तालाब नाला, सर्किट हाउस नाला और केवी-1 के पास नाले है। अभी तक इन नालों का पानी गुडगुडिया नाले में जाता था। लेकिन अब फिल्टर हो सकेगा। 

झील में बन रहे 24 गड्ढे में लगाए जा रहे बोर

झील में विभिन्न स्थानों पर 24 बड़े-बड़े गड्ढे बनाए जा रहे है। प्रत्येक गड्ढे में दो बोर और तीन फिल्टर लगेगें। बोर द्वारा पानी की सिंचाई होगी। उसके बाद फिल्टर द्वारा एकत्रित पानी को फिल्टर करेंगे। यह पानी जमीन के भीतर जाएगा। 

कैंटोनमेंट के सीईओ अनुज गोयल ने बताया कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से जल संचय किया जाएगा। यह प्रोजेक्ट करीब 40 लाख रुपये से तैयार हो रहा है। बरसात से पहले प्रोजेक्ट तैयार कर दिया जाएगा।

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