दो पक्षों के विवाद में पड़ने की कीमत चुकाई 30 लाख, अंबाला का व्यापारी ऐसे फंसा जाल में, आप भी रहें सावधान

दो पक्षों का झगड़ा सुलझाना अंबाला के व्यवसायी को महंगा पड़ गया। आरोपितों ने जाल बुनकर उसे फंसा लिया। फर्म में हिस्सेदार की ओर से धोखे की बात कही थी। कारोबारी को मध्यस्ता के लिए राजी किया। चार नामजद सहित छह पर केस दर्ज हुआ है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 04:00 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 04:00 PM (IST)
दो पक्षों के विवाद में पड़ने की कीमत चुकाई 30 लाख, अंबाला का व्यापारी ऐसे फंसा जाल में, आप भी रहें सावधान
पीड़ित ने आइजी करनाल रेंज को शिकायत दी। इसके बाद अंबाला में केस दर्ज हुआ।

अंबाला, जेएनएन। एक फर्म के दो हिस्सेदारों के बीच उपजे दस लाख के विवाद में समझौता करवाना अंबाला कैंट के कारोबारी को महंगा पड़ गया। शातिरों ने ऐसा जाल बुना की मध्यस्थ को 30 लाख रुपये का चूना लग गया। पुलिस ने प्रभु प्रेम पुरम अंबाला कैंट के रहने वाले संजीव कुमार की शिकायत पर विनोद कुमार, बब्बर भान, हरप्रीत, राजिंद्र नागर सहित दो अन्य पर केस दर्ज किया है। इस संबंध में आइजी करनाल रेंज को शिकायत दी थी। इसके बाद यह मामला महेश नगर थाना पुलिस ने दर्ज किया है। 

पीड़ित संजीव कुमार ने बताया कि वह सरकारी ठेकेदारी का काम करता है। रजापुर पंजाब के गांव जद्दी में वह रहता है। वह टाइल बनाने की फैक्ट्री चलाता है। एक निजी स्कूल भी चला रहा है। 31 मई को उसके पास गांव रजापुर से डॉ. विनोद कुमार का फोन आया। उसने काम के सिलसिले में मिलने को कहा। उसने अपनी व्यस्तता बताकर मना कर दिया, और अगले दिन फोन कर मिलने को कहा। विनोद कुमार अपने साथी बब्बर भान निवासी गांव खेलन पंजाब व हरप्रीत सिंह निवासी गांव रायपुर कुंडी सहारनपुर उत्तर प्रदेश को लेकर आया।

ऐसे किया मध्यस्थता के लिए राजी

इन लोगों ने बताया कि हरप्रीत का अंबाला के राजिंद्र नागर के साथ व्यापारिक लेनदेन का झगड़ा है। इसे वह (संजीव) सुलझाने में मदद करे। हरप्रीत फार्मा ट्रेडिंग का काम करता है और मैटीरियल सप्लाई करता है। राजिंद्र नागर की दस लाख की पेमेंट अधिक आ गई थी, जबकि उसकी फर्म का हिस्सेदार यह राशि लेकर फर्म छोड़कर चला गया। नागर मैटीरियल लेने को तैयार नहीं है। वह यह राशि देने को तैयार है। इसी पर वह मध्यस्थता के लिए राजी हो गया।

कैंसर की चमत्कारी दवा में इन्वेस्टमेंट का दिया झांसा 

संजीव ने इन तीनों के साथ राजिंद्र नागर की मीटिंग तय कर दी। नागर ने घर की बजाय जग्गी सिटी सेंटर बुलाया। वहां, नागर ने अकेले संजीव से बात की और उसे अपनी बातों में फंसा लिया। नागर ने बताया कि वह फार्मा ट्रेडिंग का काम करता है और हरप्रीत से कैंसर की दवा लेकर दूसरी कंपनियों को सप्लाई करता है। उसने दावा किया कि दवा से कैंसर शत प्रतिशत ठीक हो जाता है, जबकि वह कई लोगों के फोन नंबर और पते दे सकता है, जो इस दवा से ठीक हुए हैं। इस पर हरप्रीत से बातचीत हुई और दवा दिखाने के लिए 3 जून को कालाअंब बुलाया।

15 लाख लेकर बैग थमाया, खोला तो निकला जानवर

आरोपितों ने दवा की कीमत 15 लाख रुपये बताई और कहा कि यदि इसमें इन्वेस्टमेंट करना चाहते हो तो कर लेना। उन्होंने इनकी बातों में आकर 1 करोड़ 52 लाख 50 हजार रुपये इकठ्ठा कर लिए और कालाअंब चल दिए। हरप्रीत ने 15 लाख रुपये का चेक भी ले लिया और दवा का बैग दे दिया। बैग खोला तो उसमें कोई जानवर था, जो वापस कर दिया। इसके बाद आरोपित उसे एक जगह से दूसरी जगह भटकाते रहे। इन लोगों ने 30 लाख रुपये उससे ठग लिए। जब रुपये वापस करने की बात की, तो आनाकानी करने लगे। पुलिस ने केस दर्ज करके आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।

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