विरोध का अजब गजब तरीका, इंसाफ नहीं मिला तो करनाल डीसी कार्यालय के सामने गाय-भैंस बांध धरने पर बैठा परिवार

हरियाणा के करनाल में एक परिवार ने विरोध करने का अजब गजब तरीका निकाला। इंसाफ नहीं मिला तो पशुओं सहित लघु सचिवालय पहुंच गया। यहां पर पशुओं को बांधकर धरने पर बैठ गए। मामला जमीन हड़पने को लेकर था।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 02:45 PM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 02:45 PM (IST)
विरोध का अजब गजब तरीका, इंसाफ नहीं मिला तो करनाल डीसी कार्यालय के सामने गाय-भैंस बांध धरने पर बैठा परिवार
जिला सचिवालय के बहार बांधे गए पशु व धरना देता परिवार।

करनाल, जागरण संवाददाता। न्याय न मिलने पर गांव गगसीना से एक विधवा महिला अपनी बेटी व दामाद के साथ पशु व बर्तन लेकर जिला सचिवालय के सामने पहुंच गई। यहां पर धरना शुरू कर दिया। इस तरह के धरने को देखने के लिए लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। लघु सचिवालय में चर्चा का विषय बन गया। कुछ ही देर में एसपी भी मौके पर पहुंचे।

गांव वासी सतवंती ने बताया कि वह विधवा महिला है। वर्ष 2006 में उसके बेटे एवं नेवी में तैनात जयभगवान की मौत हो गई थी जबकि 2010 में दूसरे बेटे रिंकू की भी एक सड़क हादसे में जान चली गई। अब उसकी बेटी मंजू ही उसका सहारा है। उसकी शादी रोहतक के गांव फरमाणा में सुरेश कुमार के साथ की हुई है और इनकी भी एक बेटी कनिष्ठा दूसरी कक्षा में पढ़ती है। घर में कोई पुरुष न होने के चलते मंजू के ही चचेरे भाई व उनके परिवार के अन्य सदस्य उनकी खेत की जमीन हड़पना चाहते हैं।

उजाड़ देते खेत

वे जमीन पर बिजाई करते हैं तो उजाड़ दिया जाता है तो उन्हें खेत में घुसने भी नहीं दिया जाता। उनके खेत से सामान भी चोरी कर लिया जाता है तो उन पर हमला भी कर चुके हैं। न्याय की मांग को लेकर वे मूनक एसएचओ के पास कई बार शिकायत लेकर गए तो वहीं पहले भी एसपी से गुहार लगा चुके हैं। पुलिस आरोपितों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। मामले को लेकर पंचायत में भी फैसला हुआ था, जिस पर भी आरोपित अब सहमत नहीं रहे हैं। उन्हें अपनी जान का खतरा बना हुआ है।

एसपी ने दिया न्‍यास दिलाने का भरोसा

न्याय न मिलने पर उन्हें मजबूरन अपने पशु व बर्तन आदि लेकर यहां धरना देने को मजबूर होना पड़ा है। वहीं करीब एक घंटे बाद पुलिस अधीक्षक गंगा राम पूनिया ने उन्हें मामले की सही जांच कर आरोपितों पर कार्रवाई किए जाने का भरोसा दिया, जिसके बाद वे शांत हुए और पशुओं को लेकर गांव में लौटे।

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