फैला रहे शिक्षा का उजियारा, स्‍कूल साथ-साथ लेकर चलते हैं, गरीब बच्‍चों को कर रहे शिक्षित

कुरुक्षेत्र के शिक्षक डॉक्‍टर प्रमोद कुमार शिक्षा का अधिकार अधिनियम को सार्थक करने में जुटे हैं। प्रत्येक रविवार को चार घंटे कुष्ठ और झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों को करते है शिक्षित। ये अपने साथ पूरा स्‍कूल लेकर जाते हैं।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Fri, 02 Jul 2021 02:57 PM (IST) Updated:Fri, 02 Jul 2021 02:57 PM (IST)
फैला रहे शिक्षा का उजियारा, स्‍कूल साथ-साथ लेकर चलते हैं, गरीब बच्‍चों को कर रहे शिक्षित
बच्‍चों को पढ़ाते कुरुक्षेत्र के शिक्षक डा. प्रमोद कुमार।

कुरुक्षेत्र, जागरण संवादददाता। भारतीय संविधान ने छह मौलिक अधिकार दिए है। जिनमें शिक्षा का अधिकार भी शामिल है। इसी को सार्थक करने में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कलाल माजरा खंड बाबैन के शिक्षक डा. प्रमोद कुमार जुटे हुए है।

शिक्षक डा. प्रमोद कुमार ने बताया कि कोरोना महामारी ने लोगों को बेहतर शिक्षा प्राप्त करने की भी सीख दी है। क्योंकि जो लोग बेहतर पढ़ाई कर सरकारी नौकरी में है। उन्हें वेतन सहित खाने-पीने बच्चों के पोषण के बारे में नहीं सोचना पड़ा। लेकिन जो लोग अनपढ़ है और जिनका घर सिर्फ मेहनत मजदूरी से ही चलता है। उन्हें भी शिक्षा का महत्व पता लगा है। अगर वे भी कुछ पढ़े-लिखे होते तो ये दिन ना देखने पड़ते। जिसको देखते हुए ही उन्होंने जो बच्चे स्कूल नहीं जा पाते उन्हें शिक्षित करने का बेड़ा उठाया है। वे करीब दो माह से बच्चों को दोनों स्थानों पर पढ़ाने के लिए जा रहे है।

सप्ताह में एक दिन कुष्ठ में रहने वाले 10 और झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लगभग 20 से अधिक बच्चों को पढ़ाने जाते है। उनके साथ उनका बेटा प्रणब कुमार भी बच्चों को पढ़ाने में उनकी सहायता करते है। इसके अलावा अब शिक्षक डा. प्रमोद कुमार ने अपने साथ तीन शिक्षकों मैथ शिक्षक एवं एपीसी संजय कौशिक, रिटायर्ड मुख्याध्यापक मान सिंह व अग्रेजी अध्यापक प्रकाश जोशी को भी इस अभियान में जोड़ा है। जो अलग-अलग विषय पर बच्चों को पढ़ा रहे है।

पढ़ाने के लिए पूरा स्कूल लेकर जाते है साथ

शिक्षक डा. प्रमोद कुमार प्रत्येक रविवार को कुष्ठ और झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों को पढ़ाने के लिए जाते है तो वे अपने साथ ब्लैक बोर्ड, चाक, डस्टर, किताबें, स्टेशनरी सहित अन्य जरूरी वस्तुएं जो पढ़ाने के लिए उपयोग में आती है। वे अपने घर से ही लेकर जाते है। इससे पूर्व वे सभी बच्चों को मास्क व सैनिटाइज से हाथ धुलवाते हैं। जिससे बच्चों में संक्रमण ना फैल सकें।

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