गजब, हरियाणा में सरकारी नौकरी वालों ने लिया किसान सम्‍मान निधि का लाभ, हुआ पर्दाफाश

हरियाणा में पीएम किसान सम्‍मान निधि में फर्जीवाड़ा सामने आया है। किसान सम्‍मान निधि का लाभ उन लोगों ने भी लिया जो इसके पात्र नहीं थे। वहीं मतृकों के खाते में भी रुपये जा रहे हैं। अब ऐसे लोगों से रिकवरी की जा रही है।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Fri, 06 Aug 2021 12:32 PM (IST) Updated:Fri, 06 Aug 2021 12:32 PM (IST)
गजब, हरियाणा में सरकारी नौकरी वालों ने लिया किसान सम्‍मान निधि का लाभ, हुआ पर्दाफाश
हरियाणा में पीएम किसान सम्‍मान निधि में फर्जीवाड़ा।

जींद, जागरण संवाददाता। हरियाणा में पीएम किसान सम्‍मान निधि में फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है। हरियाणा में हजारों किसानों ने खुद को गरीब बता इस योजना का लाभ लिया। यमुनानगर में करीब 15 सौ मामले सामने आए। वहीं अब जींद में ये आंकड़ा काफी बड़ा है। इन योजना का फजीं तरीके से लाभ लेने वालों से रिकवरी होगी।

पीएम किसान सम्मान योजना का लाभ लेने वाले अपात्र लोगों से कृषि विभाग ने रिकवरी शुरू कर दी है। 35 लोगों से 4.16 लाख रुपये की रिकवरी की गई है। वहीं 33 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है। उनकी मृत्यु के बाद जो किस्त राशि उनके बैंक खाते में आई थी। उसकी 1.66 लाख रुपये की रिकवरी हुई है।

22 सौ लोग सरकारी नौकरी और इनकम टैक्‍स भरने वाले

जींद जिले में 2200 से ज्यादा ऐसे लोगों के नाम सामने आए थे, जो सरकारी नौकरी पर हैं या इनकम टैक्स भरते हैं। नरवाना सब डिविजन के ऐसे अधिकतर किसानों को नोटिस भेजे जा चुके हैं। वहीं जींद और सफीदों में नोटिस भेजे जा रहे हैं। इन लोगों से करोड़ों रुपये की रिकवरी की जानी है। वहीं बहुत से परिवारों में पति और पत्नी दोनों योजना का लाभ उठा रहे हैं। नियमानुसार दोनों में से केवल एक ही योजना का लाभ ले सकता है।

एक या दो बार रिटर्न भरने वालों के नाम भी हटे

कुछ ऐसे किसानों के नाम भी योजना से हट गए हैं, जिन्होंने एक या दो बार टैक्स रिटर्न भरी है। लेकिन वे सरकारी नौकरी पर हैं और ना ही उनकी आय इनकम टैक्स के दायरे में आती है। उन किसानों ने बैंक से ऋण लेने या किसी अन्य काम के लिए टैक्स रिटर्न भर दी। कृषि विभाग कार्यालय में ऐेसे सात से आठ किसानों के मामले आए थे। जिनके बारे में मुख्यालय से मार्गदर्शन मांगा गया था। लेकिन मुख्यालय की तरफ से कहा गया कि योजना से नाम केंद्र सरकार की तरफ से हटाए गए हैं। इसलिए प्रदेश स्तर पर इसमें कोई निर्णय नहीं लिया सकता।

इस योजना के ये हैं पात्र

परिवार में पति-पत्नी में से कोई एक, जिसके नाम जमीन है। 18 साल से कम उम्र का बेटा या बेटी भी पति-पत्नी के साथ एक यूनिट माने गए हैं। 18 साल से ज्यादा उम्र का बेटा या बेटी, जिसके नाम जमीन है और वह माता-पिता से अलग रहता है तो उसे अलग यूनिट माना गया है। वह इस योजना का लाभ सकता है।

कौन नहीं है पात्र

सरकारी नौकरी करने वाला, 10 हजार रुपये से ज्यादा पेंशन लेने वाला, इनकम टैक्स भरने वाला इस योजना का लाभ नहीं ले सकता। काफी अपात्र लोगों की सातवीं किस्त रोक दी गई थी। जो उनके खाते में राशि आई थी, उसकी रिकवरी के लिए कृषि विभाग ने नोटिस भेजे थे। काम करेंगी।

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