Alert: पहाड़ों में हुई बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ा, यमुना से हरियाणा के इन गांवों में बाढ़ का खतरा

पहाड़ों में हो रही लगातार बारिश की वजह से नदियों का जलस्‍तर बढ़ गया है। यमुना में एक लाख 24 हजार 314 क्यूसेक पानी पहुंच गया है। वहीं पश्चिमी यमुना नहर व पूर्वी यमुना नहर की सप्लाई रोकी गई है। आसपास के गांव में खतरा मंडरा रहा।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 01:30 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 01:30 PM (IST)
Alert: पहाड़ों में हुई बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ा, यमुना से हरियाणा के इन गांवों में बाढ़ का खतरा
यमुना नदी में बारिश की वजह से पानी बढ़ रहा।

यमुनानगर, [संजीव कांबोज]। पहाड़ों में हो रही जोरदार बारिश के बाद नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है। बुधवार दोपहर हथनीकुंड बैराज पर कुल एक लाख 32 हजार 314 क्यूसेक पानी का बहाव रहा। यह अब तक का अधिकतम है। यमुना नदी में एक लाख 24 हजार 314 क्यूसेक पानी बहा। वहीं, यमुना में बहाव बढ़ने से आसपास के गावों में खतरा मंडरा रहा।

जलस्तर बढ़ने के बाद नहरों की सप्लाई कम कर दी गई है। पश्चिमी यमुना नहर में कुल छह हजार व पूर्वी यमुना नहर में एक हजार क्यूसेक पानी का बहाव रहा। उधर, मौसम विभाग के विशेषज्ञों के मुताबिक आगामी दिनों में मौसम परिवर्तनशील रहेगा।

कब कितना आया पानी

अगस्त 2012 में 98803 क्यूसेक

जून-2013 में आठ लाख छह हजार क्यूसेक

जुलाई-2014 में 1 लाख 28 हजार 339 क्यूसेक

अगस्त-2015 में एक लाख एक हजार क्यूसेक

अगस्त-2016 में एक लाख 60 हजार क्यूसेक

सितंबर-2017 में एक लाख 47 हजार क्यूसेक

जुलाई-2018 में छह लाख छह हजार क्यूसेक

अगस्त-2019 में आठ लाख 29 हजार क्यूसेक

अगस्त-2020 में 55 हजार क्यसूेक पानी का बहाव रहा।

ये गांव नदी के समीप

माली माजरा, नवाजपुर, लाक्कड़, लेदी, बेलगढ़, टापू कमालपुर, होदरी, लापरा, बीबीपुर, मांडेवाला, खानूवाला, आंबवाली, टिब्बड़ियों, काटरवाली, रामपुर गेंडा, रणजीत पुर, भंगेड़ा, मलिकपुर, रणजीतपुर, मुजाफत, नगली, प्रलादपुर, पौबारी, संधाला, संधाली, लालछप्पर, मॉडल टाऊन करेहड़ा, उन्हेड़ी, संधाला, संधाली, गुमथला समेत दर्जनों गांवों में हर वर्ष बाढ़ का खतरा रहता है। क्योंकि ये गांव यमुना नदी के समीप स्थित हैं। जब भी यमुना नदी में उफान आता है, इन गांवों के ग्रामीणों की परेशानी बढ़ जाती है।

प्रशासन ने बनाए कंट्रोल रूम

बरसात के मौसम के दौरान जिला प्रशासन संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए मुस्तैद है। उत्तरी क्षेत्र से जुड़े पहाड़ी कैंचमैंट एरिया तथा हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड में अधिक वर्षा होने के कारण जिला में संभावित बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए सभी प्रकार की तैयारियां की गई हैं। जिला सचिवालय में जिला स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है। इस बाढ़ नियंत्रण कक्ष में लगे टेलीफोन नंबर 01732-237801 पर किसी भी समय संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के बारे में सूचना देकर सहायता प्राप्त की जा सकती है। इसके अतिरिक्त सब डिवीजन स्तर पर बिलासपुर, रादौर व छछरौली तथा जल सेवाएं मण्डल जगाधरी के कार्यालय, हथनी कुंड बैराज व नगर निगम कार्यालय में भी बाढ़ नियंत्रण कक्षों की स्थापना की गई है। रादौर में बाढ़ नियंत्रण कक्ष का टेलीफोन नंबर 01732-283899 व मोबाइल नंबर 9813199583 है। बिलासपुर में टेलीफोन नंबर 01735-237837 व 9991414272 है । छछरौली के तहसील कार्यालय में स्थापित बाढ़ नियंत्रण कक्ष का दूरभाष नंबर 01735-277339 व 9017177707 है।

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