काला‍ पीलिया से सावधान, मरीजों का ग्राफ बढ़ा, कैथल में 400 पार पहुंची संख्या

हेपेटाइटिस-बी के मरीजों की संख्‍या लगातार बढ़ती जा रही है। 400 पार पहुंची मरीजों की संख्या। हेपेटाइटिस सी के मरीजों की संख्या भी आठ हजार पार। छह हजार से ज्यादा मरीजों का चल रहा इलाज। हेपेटाइटिस-बी के 40 मरीजों का शुरू हुआ इलाज।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Mon, 13 Sep 2021 05:34 PM (IST) Updated:Mon, 13 Sep 2021 05:34 PM (IST)
काला‍ पीलिया से सावधान, मरीजों का ग्राफ बढ़ा, कैथल में 400 पार पहुंची संख्या
हेपेटाइटिस बी और सी के मरीजों की संख्‍या बढ़ रही है।

कैथल, जागरण संवाददाता। कैथल में हेपेटाइटिस-बी व सी (काला पीलिया) के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। बी के मरीज जहां पहले 100 से भी कम थे, लेकिन पिछले तीन-चार माह में संख्या तेजी से बढ़ी है। अब इन मरीजों की संख्या 400 पार पहुंच गई है। इनमें से करीब 50 मरीजों का इलाज शुरू हो चुका है। कैथल के गुहला खंड के गांव खरकां में इस बीमारी के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। रोजाना सिविल अस्पताल में चार से पांच मरीज हेपेटाइटिस-बी के पहुंच रहे हैं।

वहीं हेपेटाइटिस-सी के मरीजों की संख्या आठ हजार से ज्यादा पहुंच गई है। छह हजार के करीब मरीजों का इलाज चल रहा है, इनमें काफी मरीज ठीक हो चुके हैं। सिविल अस्पताल की तरफ से निशुल्क जांच व दवाई की सुविधा दी गई है। कूपन देकर बाहर से लैब में बीमारी की जांच होती है। पुष्टि होने पर इलाज शुरू किया जाता है। अस्पताल के फिजिशियन डा. राजीव मित्तल को इसका नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। हेपेटाइटिस-सी के सबसे ज्यादा केस राजौंद क्षेत्र में है। इस क्षेत्र के कई गांव तो काला पीलिया के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

वर्ष 2017 से शुरू हुआ था अभियान

स्वास्थ्य विभाग की तरफ से काला पीलिया को लेकर वर्ष 2017 में अभियान शुरू किया था। पहले इस बीमारी के मरीजों की जांच व इलाज रोहतक पीजीआइ से होता था, लेकिन अब जिला स्तर पर हो रहा है। बी व सी दोनों तरह के काला पीलिया की जांच व दवाई अस्पताल में निशुल्क मिलती है। काला पीलिया के लक्षण मिलने के बाद कूपन दिया जाता है। इस कूपन से अस्पताल के बाहर लैब में सैंपल देना पड़ता है। इसके बाद जांच होती है। जांच में काला पीलिया की पुष्टि होने के बाद इलाज शुरू होता है। काला पीलिया सी के पांच हजार से ज्यादा मरीज अपना इलाज पूरा कर चुके हैं। जिला नागरिक अस्पताल के साथ-साथ प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी इस बीमारी को लेकर जांच होती है। पुष्टि होने पर इलाज शुरू करने के लिए सिविल अस्पताल रेफर किया जाता है।

इन गांव में तेजी से बढ़ रही बीमारी

जिले के राजौंद व गुहला क्षेत्र के कई गांवों में काला पीलिया के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। राजौंद क्षेत्र के गांव रोहेड़ा, माजरा, मंडवाल, बिरथे बाहरी, खुरड़ा, सेरधा, बीर बांगड़ा व गुहला के खरकां, समाधां में मरीजों की संख्या ज्यादा है। इन गांव से काफी मरीजों का इलाज शुरू किया जा चुका है और नए केस भी आ रहे हैं।

ये हैं शुरूआती लक्षण

अगर हेपेटाइटिस-सी का संक्रमण शुरुआती चरण में है, तो इस तरह के संकेत मिलेंगे। पहले पेट में दिक्कत आएगी, फिर जी मिचलाना, बुखार होना, जोड़ों में दर्द होना, थकान, पीलिया, मिट्टी के रंग का मल त्याग करना, गहरे रंग का मूत्र आना, भूख कम लगना व उल्टी जैसी समस्या होना। यदि ऐसी दिक्कत है तो तुरंत चिकित्सक को दिखाना चाहिए।

 ऐसे फैलता है काला पीलिया

-एक ही इंजेक्शन या सुइयों का इस्तेमाल बार-बार करना।

-संक्रमित व्यक्ति का रेजर ब्लेड व नाखून कतरनी जैसे वस्तुओं का प्रयोग करना।

-असुरक्षित तरीके से शरीर पर टैटू बनवाना।

जिला नागरिक अस्पताल के प्रधान चिकित्सा अधिकारी डा. शैलेंद्र ममगाईं शैली ने बताया कि हेपेटाइटिस-बी व सी के मरीज अस्पताल में इलाज के लिए आ रहे हैं। जांच व इलाज निशुल्क होता है। इस बीमारी की रोकथाम को लेकर लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है।

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