अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने संभाला मोर्चा, अंबाला में कोरोना से जंग को स्वास्थ्य विभाग देगा साथ

अंबाला में कोरोना महामारी से निपटने के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने भी मोर्चा संभाल लिया है। परिषद स्‍वास्‍थ्‍य विभाग का साथ देगा। इसके लिए दो टीमें बनाई गई हैं। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का निरीक्षण के साथ करेंगी परीक्षण।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 09:56 AM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 09:56 AM (IST)
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने संभाला मोर्चा, अंबाला में कोरोना से जंग को स्वास्थ्य विभाग देगा साथ
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद अंबाला में कोरोना से जंग को स्वास्थ्य विभाग देगा साथ।

अंबाला, जेएनएन। कोरोना महामारी को मात देने के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने भी कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। जिसके चलते दो टीमें बनायी गई हैं। इन टीमों में 20 सदस्य शामिल होंगे। जो स्वास्थ्य विभाग को सहारा देंगे। ये टीमें गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ उन्हें आइसोलेट के लिए प्रेरित करेंगे। ताकि महामारी की चेन को तोड़ा जा सके। 

बता दें कि पिछले कई दिनों से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सेवा कार्यों में जुटी हुई हैं। अलग-अलग तरह की सेवा की जा रही है, जिसमें कभी फल बांटना और कभी मास्क-सैनिटाइजर बांटना। इसमें आगे कदम बढ़ाते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने बैठक की, जिसमें निर्णय लिया कि गांवों में जागरूकता बढ़ायी जाए। इसी को लेकर 13 लोगों की दो टीमें बनायी गई हैं, जो निरीक्षण और परीक्षण करेंगी। पांच-पांच लोग टीम में रहेंगे बाकी 4-5 लोग साथ में सहायत में रहेंगे। लगभग 20 कार्यकर्ता इन टीमों में रहेंगे।

इस अभियान की शुरूआत गांव थंबड़ से की जाएगी। पहले दिन दोनो टीमें एक गांव में जाएंगी। जिसका ऑक्सीजन कम होगा, थर्मल से तापमान 100 से अधिक है। उन्हें जांच के लिए जागरूक किया जाएगा और रोजाना की रिपोर्ट सीएमओ को दी जाएगी। 

शारीरिक दूरी बनाकर चलाया जाएगा अभियान

सौरभ शर्मा ने बताया कि स्क्रीनिंग के दौरान सभी सुरक्षात्मक मानदंडों का पालन करेंगे। अगर किसी में लक्षण दिखायी देते हैं तो उन्हें नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में जाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि मुफ्त में जांच करवा सके। नजदीक स्वास्थ्य केंद्रों में आरटी-पीसीआर परीक्षण मुफ्त में करवा सकते हैं। जागरूकता की कमी के कारण कई लोग कोरोना के लक्षण होने के बावजूद इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। इस दौरान कार्यकर्ता पीपीई किट पहनेंगे और स्क्रीनिंग के दौरान शारीरिक दूरी बनाए रखेंगे।

chat bot
आपका साथी