Pollution: बारिश का कमाल, हरियाणा की आबोहवा हुई ठीक, प्रदूषण का स्‍तर सुधरा

हरियाणा में अचानक दो दिन हुई बारिश ने कमाल कर दिया। हरियाणा की आबोहवा ठीक हो गई। प्रदूषण का स्‍तर बिल्‍कुल कम कर दिया। हरियाणा के कई जिलों में प्रदूषण न के बराबर है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने आंकड़े जारी किए।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 09:32 AM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 09:32 AM (IST)
Pollution: बारिश का कमाल, हरियाणा की आबोहवा हुई ठीक, प्रदूषण का स्‍तर सुधरा
हरियाणा में प्रदूषण का स्‍तर में सुधार हुआ।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। बरसात के बाद प्रदेश की आबोहवा सांस लेने लायक हो गई है। एक तरफ जहां पराली जलाने के केस में गिरावट आई है, वहीं हवा में मौजूद महीन कण भी नीचे बैठ गए हैं। अब प्रदेश के सभी जिलों की हवा में प्रदूषण का स्तर न के बराबर है। ऐसा हम नहीं कह रहे, बल्कि यह खुलासा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी आंकड़ों से हुआ है। शुद्ध हवा के मामले में नारनौल जिला पहले पायदान रहा। वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक का स्तर 41 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया, जबकि यमुनागनर में यह आंकड़ा 66 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर दर्ज किया गया। शुद्ध हवा के मामले में यमुनानगर छठे नंबर पर रहे।

पर्यावरविद डा. अजय कुमार का कहना है कि प्रदेश की वायु गुणत्ता सूचकांक में सुधार सभी के लिए राहत भरा है। इन दिनों में अक्सर पराली जलने की वजह से प्रदूषण का स्तर डेंजर जोन क्रास कर जाता था। 14 अक्टूबर को यमुनानगर में पार्टिकुलेट मैटर यानि पीएम 2.5 का स्तर 439 तथा पीएम 10 का स्तर 417 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया था। जिसमें सभी को सांस लेना दूभर हो गया था। लेकिन बरसात के बाद एकदम से वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है। हरियाणा की हवा में वायु प्रदूषण का स्तर ना के बराबर रहा। इससे साफ जाहिर है कि प्रदेश की आबोहवा में सुधार हो रहा है। जो कि सांस व अन्य मरीजों क लिए शुभ संकेत हैं। वहीं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी निर्मल कश्यप का कहना है कि पराली के केसिज में गिरावट आने व हवा में मौजूद कण नीचे बैठने से प्रदूषण के स्तर में गिरावट देखी जा रही है।

एक्यूआई 100 से कम, तो स्थिति संतोषजनक

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक जब हवा में एक्यूआई की मात्रा 100 से कम दर्ज की जाती है, तो उसे संतोषजनक माना जाता है। हालांकि प्रदूषण की जांच के लिए हवा में पीएम 10 व पीएम 2.5 की मात्रा मापी जाती है। इसके अलावा नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर डाई ऑक्साइड, कार्बन डाई ऑक्साइड का स्तर भी देखा जाता है। इन सभी के आधार पर वायु गुणवत्ता सूचकांक निकाला जाता है। जब यह 100 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर से नीचे आता है, तो वहां की हवा में प्रदूषण का स्तर संतोषजन माना जाता है।

प्रदेश के जिलों में एक्यूआई का स्तर वायु गुणवत्ता सूचकांक में

पंचकूला 51

फतेहाबाद 92

रोहतक 74

करनाल 58

कुरुक्षेत्र 151

हिसार 65

यमुनानगर 66

जींद 70

भिवानी 74

कैथल 81

पलवल 60

अंबाला 71

मानेसर 65

नारनौल 41

फरीदाबाद 99

धारूहेड़ा 67

चरखी दादरी 50

पानीपत 81

गुरुग्राम 93

सोनीपत 77

बहादुरगढ़ 82

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