Suicide: करनाल में चालान काटने के बाद युवक ने जहर खाकर दी जान, परिजनों ने काटा हंगामा

करनाल की मंगल कालोनी पार्ट टू वासी करीब 18 वर्षीय मोहित ने बुधवार को संदिग्ध परिस्थिति में जहरीला पदार्थ निगल लिया था। उसकी बिगड़ी हालत को देख स्वजन आनन-फानन में अस्पताल लेकर पहुंचे जहां देर रात को उसकी मौत हो गई।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 08:29 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 08:29 PM (IST)
Suicide: करनाल में चालान काटने के बाद युवक ने जहर खाकर दी जान, परिजनों ने काटा हंगामा
मोर्चरी हाउस के बाहर धरना देते मोहित के स्वजन, विलाप करती मां संतोष व पिता जगदीश।

करनाल, जागरण संवाददाता। पुलिस द्वारा चालान काटे जाने के बाद संदिग्ध परिस्थिति में जहरीला पदार्थ खाने से हुई युवक की मौत का मामला गहरा गया। वीरवार को स्वजनों ने आरोपित पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई व अन्य मांगों को लेकर शव लेने से इंकार कर दिया और सुबह से देर रात तक मोर्चरी हाउस पर अन्य लोगों के साथ धरना देते रहे। पुलिस अधिकारियों ने उन्हें समझाने का भरसक प्रयास किया, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे। इससे पुलिस की भी सांसें फूली रही और देर रात भारी पुलिस बल मोर्चरी हाउस पर तैनात रहा।

निगल लिया था जहरीला पदार्थ

बता दें कि मंगल कालोनी पार्ट टू वासी करीब 18 वर्षीय मोहित ने बुधवार को संदिग्ध परिस्थिति में जहरीला पदार्थ निगल लिया था। उसकी बिगड़ी हालत को देख स्वजन आनन-फानन में अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां देर रात को उसकी मौत हो गई। इससे स्वजनों में मातम छा गया तो वहीं उन्होंने आरोप लगाया कि मोहित गद्दे बनाने वाली एक फैक्ट्री में काम करता था। जहां से वह दोपहर के समय खाना खाने के लिए घर आ रहा था। रेलवे रोड एसबीएस स्कूल चौक के पास ट्रेफिक पुलिस टीम ने उसे रोक लिया और उसे कहा कि बाइक चोरी की हुई है। वह सफाई देता रहा, लेकिन पुलिस ने उसकी सुनवाई नहीं की। 13 हजार रुपये का चालान कर दिया तो उसके साथ मारपीट भी की, जिसे वह सहन नहीं कर पाया और जहरीला पदार्थ निगल लिया।

पैनल ने किया शव का पोस्टमार्टम

मोहित के शव का पोस्टमार्टम डा आशीष शर्मा व डा निकिता भटनागर के पैनल द्वारा कराया गया, जिसकी रिपोर्ट आने का भी इंतजार किया जा रहा है। वहीं पोस्टमार्टम के बाद स्वजन शव लेने को तैयार नही हुए और देर रात तक मोर्चरी हाउस के बाहर धरना दिए बैठे रहे।

दिन भर मोर्चरी हाउस के बाहर विलाप करते रहे स्वजन

मोहित के स्वजन इस सदमे से उभर नहीं पा रहे हैं। वे दिन भर मोर्चरी हाउस के बाहर विलाप करते रहे। मां संतोष बार-बार बेहोशी जैसी हालत में जाती रही तो पिता जगदीश भी बेटे की मौत से पूरी तरह टूट चुके हैं। उन्हें अन्य स्वजन संभालते रहे, लेकिन देर रात तक वे अन्य स्वजनों के बीच ही मोर्चरी हाउस के बाहर बैठे रहे। जहां क्षेत्र के वार्ड पार्षद सुभाष चंद के अलावा युद्ववीर सिंह सहित अन्य लोग भी पहुंचे। देर रात को भाकियू से जुड़े कई लोग भी वहां पहुंच गए और स्वजनों के साथ धरना दिया।

ये रखी मांगे, एसपी ने दिया भरोसा

जब सिटी एसएचओ संदीप कुमार, सेक्टर 32 एसएचओ गुरविंद्र सिंह सहित अन्य पुलिस अधिकारियों के समझाने पर भी स्वजन व अन्य लोग शांत नहीं हुए तो डीएसपी भी मौके पर पहुंचे, लेकिन वे भी उन्हें शांत नहीं कर पाए। शाम को कुछ लोग एसपी गंगा राम पूनिया से मिलने पहुंचे। पार्षद सुभाष चंद के मुताबिक एसपी के समक्ष आरोपित पुलिसकर्मियों पर मामला दर्ज गिरफ्तार किए जाने, मृतक के भाई रोहित को सरकारी नौकरी देने व करीब 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की मांग रखी। इस पर एसपी ने उन्हें भरोसा दिया कि दो दिन के अंतराल में मामले की जांच कर आरोपित पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई कर दी जाएगी। सरकारी नौकरी व मुआवजा के लिए जिला उपायुक्त से उनकी बातचीत कराई जाएगी, जिसके लिए वे भी प्रयास करेंगे। एसपी के इस आश्वासन पर वे शव लेने को तैयार नहीं हुए।

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