दशकों बाद राजीव कॉलोनी की निकासी समस्या बरकरार

वार्ड नंबर-17 की राजीव कॉलोनी की पानी निकासी समस्या दशकों बाद भी हल नहीं हुई है। पब्लिक हेल्थ विभाग ने पिछले साल रेलवे लाइन पार स्थित कॉलोनियों में लाखों रुपये की लागत से सीवर लाइन दबाई थी जो जाम के कारण अभी तक सुचारू नहीं हुई।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 27 May 2021 08:33 AM (IST) Updated:Thu, 27 May 2021 08:33 AM (IST)
दशकों बाद राजीव कॉलोनी की निकासी समस्या बरकरार
दशकों बाद राजीव कॉलोनी की निकासी समस्या बरकरार

जागरण संवाददाता, समालखा: वार्ड नंबर-17 की राजीव कॉलोनी की पानी निकासी समस्या दशकों बाद भी हल नहीं हुई है। पब्लिक हेल्थ विभाग ने पिछले साल रेलवे लाइन पार स्थित कॉलोनियों में लाखों रुपये की लागत से सीवर लाइन दबाई थी, जो जाम के कारण अभी तक सुचारू नहीं हुई।

उल्लेखनीय है कि वार्ड 17 और 16 की चार कॉलोनियों की आबादी सात हजार के करीब है। कॉलोनियों को आबाद हुए दो दशक से अधिक हो चुके हैं, लेकिन उनकी निकासी समस्या अभी भी बरकरार है। राजीव कॉलोनी के तो मेन नाले कच्चे हैं। बीच में नरायणा रोड होने से नाले को सीवर लाइन से जोड़ा भी नहीं गया है। गंदा पानी नालियों में खड़ा रहता है।

बारिश होने पर गलियों से निकलना दूभर हो जाता है। वैसे भी बदबू से लोग परेशान रहते हैं। कई बार लोगों ने रोष भी व्यक्त किया है। नपा अधिकारियों से भी मिले हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ है। पब्लिक हेल्थ के सीवर का नहीं मिल रहा फायदा

स्थानीय पप्पू, रमेश, सुमेर सिंह, दीपक आदि कहते हैं कि उनकी मांग पर ही पब्लिक हेल्थ ने लाइन पार में सीवर लाइन दबाई थी, जिसे गत जून माह में कागज में चालू कर दिया गया। उनके नालों को सीवर से नहीं जोड़ा गया। यहां की नालियों की हालत ठीक नहीं है। मेन भी नाले कच्चे हैं, जिनकी निकासी भी नहीं है। वार्ड-16 के पार्षद राजेश ठाकुर ने कहा कि राजस्थान, शिव व हनुमान कॉलोनियों में भी लोगों को सीवर का फायदा नहीं मिल रहा है। इसके जाम रहने से पानी बैक मारता है। गलियां टूटने के साथ धंस रही है। एसडीओ के बार-बार भरोसा देने के बाद भी समस्या बनी है।

chat bot
आपका साथी