कोविड से ठीक हो चुके लोगों के लिए खोला उमंग क्लीनिक, क्योंकि आ रही हैं शिकायतें

कोरोना की दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक साबित हुई है। ब्लैक फंगस केस भी इसी लहर में मिले हैं। स्वस्थ हो चुके लोगों को छाती हड्डियों-मांसपेशियों में दर्द भूख अधिक लगना नींद नहीं आना जैसी परेशानियां आ रही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 25 May 2021 08:18 AM (IST) Updated:Tue, 25 May 2021 08:18 AM (IST)
कोविड से ठीक हो चुके लोगों के लिए खोला उमंग क्लीनिक, क्योंकि आ रही हैं शिकायतें
कोविड से ठीक हो चुके लोगों के लिए खोला उमंग क्लीनिक, क्योंकि आ रही हैं शिकायतें

जागरण संवाददाता, पानीपत : कोरोना की दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक साबित हुई है। ब्लैक फंगस केस भी इसी लहर में मिले हैं। स्वस्थ हो चुके लोगों को छाती, हड्डियों-मांसपेशियों में दर्द, भूख अधिक लगना, नींद नहीं आना जैसी परेशानियां आ रही हैं। सिविल अस्पताल के प्रथम फ्लोर के कमरा नंबर-40 में ऐसे लोगों के इलाज के लिए उमंग (कोविड उपरांत शारीरिक-मानसिक रोग निदान) क्लीनिक खोला गया है।

उमंग क्लीनिक में आयुर्वेदिक मेडिकल आफिसर (एएमओ) डा. अनुराधा, डा. विकास ध्रुव, मनोचिकित्सक डा. मोना नागपाल, फिजियोथैरेपिस्ट नेहा बंसल, हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. वैभव गुलाटी, डाइटिशियन रिपी और काउंसलर रवि सेवाएं देंगे। सिविल सर्जन डा. जितेंद्र कादियान और प्रिसिपल मेडिकल आफिसर डा. संजीव ग्रोवर ने संयुक्त रूप से रिबन काटकर क्लीनिक का शुभारंभ किया।

सिविल सर्जन ने चिकित्सकों से कहा कि सभी मास्क पहनकर ओपीडी करें। बिना मास्क मरीज को प्रवेश न दें। मरीज की समस्या को सुनकर, उसे समाधान जरूर बताएं। मरीजों को पहले नई पर्ची बनवानी होगी।

क्लीनिक में डा. सोनिया कुंडू, डा. दीपा भी सेवाएं देंगी। इस मौके पर अस्पताल के डिप्टी एमएस डा. अमित पोरिया, एसएमओ डा. आलोक जैन, त्वचा रोग विशेषज्ञ डा. राघवेंद्र सिंह, मेटरन कृष्णा भाटिया मौजूद रहे। ओपीडी टाइम सुबह आठ से अपराह्न दो बजे

कोविड उपरांत शारीरिक-मानसिक रोग निदान क्लीनिक सुबह आठ बजे से अपराह्न दो बजे तक ओपन रहेगा। बता दें कि सामान्य ओपीडी का समय सुबह आठ से पूर्वाह्न 11 बजे है। ब्लैक फंगस के कारण नेत्र रोग और कान-नाक-गला ओपीडी का समय सुबह नौ से दोपहर 12 बजे का है। छाती में दर्द की शिकायत अधिक :

फिजिशियन कंसल्टेंट डा. जितेंद्र त्यागी ने बताया कि मेडिसिन ओपीडी में छाती में दर्द, श्वास लेने में दिक्कत की शिकायत लेकर 10-12 मरीज पहुंचे रहे हैं। इसका कारण वे मेडिसिन हैं, जो कोरोना के समय सेवन की। इन मेडिसिन से खून के थक्के बनने की संभावना है। युवा मरीजों में यह पल्मोनरी एलेमा (फेफड़ों में अधिक फ्लुइड) होने से सामने आ रहे हैं। श्वास लेने के लिए फेफड़ों को अधिक ताकत लगानी पड़ती है, इससे भी छाती में दर्द होने लगता है। हड्डी-मांसपेशियों में दर्द

डेंगू और चिकनगुनिया का वायरस मरीजों की हड्डियों-मांसपेशियों में दर्द पैदा करता है और असर लंबे समय तक रहता है। कोरोना वायरस भी ऐसा ही दर्द दे रहा है। फिजियोथैरेपिस्ट नेहा बंसल ने बताया कि जोड़ों, हड्डियों-मांसपेशियों में दर्द के पुराने रोगियों को अधिक दिक्कत है। रोजाना छह-सात मरीज परामर्श लेने पहुंचते रहे हैं। होम आइसोलेशन में रहने के कारण धूप नहीं मिलती। विटामिन डी-3 व न्यूट्रीशन की कमी हो जाती है। पोस्ट कोविड करें उपाय

-पल्स ऑक्सीमीटर से जांच

-पौष्टिक आहार, भरपूर नींद

-धूम्रपान व शराब से परहेज

-सुबह-शाम प्रतिदिन व्यायाम

-लंबी सांसें लेना

-इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए अधिक न खाएं

chat bot
आपका साथी