Afghanistan Crisis: करनाल में अफगानी छात्रों के लिए सामने आया ये संस्‍थान, छात्रों के रहने का भी करेगा बंदोबस्त

करनाल के बुद्धा ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस अफगानी विद्यार्थियों की मदद के लिए आगे आया है। जो विद्यार्थी भारत आकर पढ़ाई करना चाहते उन्हें संस्थान की ओर से छात्रावास की सुविधा मुहैया करवाई जाएगी। इसके अलावा अफगानी विद्यार्थियों से हालात पर विचार-विमर्श भी किया गया।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Fri, 20 Aug 2021 05:15 PM (IST) Updated:Fri, 20 Aug 2021 05:15 PM (IST)
Afghanistan Crisis: करनाल में अफगानी छात्रों के लिए सामने आया ये संस्‍थान, छात्रों के रहने का भी करेगा बंदोबस्त
अफगानी छात्रों का कहना है कि भारत सही मायने में इंसानियत का पैरोकार है।

जागरण संवाददाता, करनाल। अफगानिस्तान के मौजूदा संकट को लेकर करनाल में भी शिक्षाविद् चिंता महसूस कर रहे हैं। इसी के तहत मंगलवार को बुद्धा ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस ने उन तमाम अफगानी विद्यार्थियों की यथासंभव मदद की घोषणा की, जो भारत आकर पढ़ाई करना चाहते हैं। ऐसे विद्यार्थियों को संस्थान छात्रावास सुविधा भी मुहैया कराएगा।

यह निर्णय बुद्धा ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस की ओर से की गई पहल के तहत यहां कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय और संस्थान के अपने कालेजों में अध्ययनरत अफगानी विद्यार्थियों से संस्थान प्रबंधन की वार्ता में लिया गया। इस दौरान मुख्य रूप से इंटरनेशन स्टूडेंट एडवाइजर डा. बेहराम रमेश, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पीएचडी स्कालर रहीमुल्लाह और राहिल आला साफी सहित अन्य अफगानी विद्यार्थियों तथा शोधार्थियों ने वर्तमान परिस्थितियो को लेकर खुलकर विचार रखे।

डा. बेहराम ने कहा कि यह सही है कि आज अफगानिस्तान के हालात बहुत संवेदनशील और चिंताजनक है। इसे लेकर वे भी बहुत फिक्र महसूस कर रहे हैं और चाहते हैं कि भारत से भी उन तमाम अफगानियों के हक में आवाज बुलंद हो, जिन्हें इस समय पूरी दुनिया से मदद की सख्त दरकार है। भारत ने पहले भी अफगानिस्तान के विकास और वहां शांति बहाली में बेहद अहम योगदान दिया है। यही सोच कायम रखते हुए भारत सरकार के साथ आम लोगों को भी अफगानियों का साथ देना चाहिए।

भारत सही मायने में इंसानियत का पैरोकार

पीएचडी स्कालर रहीमुल्लाह ने कहा कि अफगानिस्तान में अत्याधुनिक संसद भवन और बांध के निर्माण से लेकर हर स्तर पर भारत सरकार ने जो मदद की है, उसका कोई मोल नहीं चुकाया जा सकता। इससे साबित होता है कि भारत सही मायने में इंसानियत का पैरोकार है और अफगानिस्तान की मदद करना चाहता है। ऐसे में सभी तबकों और खासकर तालीम की दुनिया से जुड़े लोगों को अफगानियों का साथ देने के लिए आगे आना चाहिए।

हर साल हजार अफगानी विद्यार्थी आते हैं भारत

राहिल आला साफी ने कहा कि भारत ऐसा वाहिद मुल्क है, जो इस संकट की घड़ी में पूरी शिद्दत के साथ अफगानियों का साथ देने आगे आया है। कई वर्ष से यहां प्रति वर्ष अफगानिस्तान से एक-एक हजार विद्यार्थी उच्च शिक्षा हासिल करने आते हैं। आज मुल्क पर संकट छाया हुआ है। वहां जिस तरह के हालात हैं, उसमें एक आम अफगानी यही चाहता है कि किसी भी तरह वह और उसके अपने महफूज रहें। मुल्क की तरक्की की राह रुकने न पाए। इसके लिए भारत और अन्य मुल्कों को बड़ा दिल दिखाते हुए आम अफगानियों की मदद करनी चाहिए।

हास्टल से लेकर ई-वीजा तक मदद

बुद्धा ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के निदेशक नितेश गुप्ता ने बताया कि अफगानिस्तान के साथ भारत का नाता जगजाहिर है। कई वर्ष से इंटरनेशनल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत अफगानी विद्यार्थियों को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के विभिन्न कालेजों व तकनीकी संस्थानों में उच्चस्तरीय अध्ययन कराया जा रहा है। उनके संस्थान में भी प्रतिवर्ष अफगानी विद्यार्थी पढ़ने आते हैं। मौजूदा हालात में यदि भारत आने वाला कोई अफगानी विद्यार्थी मदद चाहता है तो उसे ई-वीजा दिलाने से लेकर छात्रावास मुहैया कराने में पूरा सहयोग किया जाएगा।

सुरक्षा का पूरा ध्यान, काउंसिलिंग भी कर रहे

संस्थान के एमबीए विभागाध्यक्ष रजनीश शर्मा ने बताया कि अफगानिस्तान के आठ विद्यार्थी फिलहाल विभाग में अध्ययनरत हैं। इनमें मोहम्मद सफी, एमएच शब्बीर, कासिम, हैजाबुल्लाह, मुस्तफा व ओमिद सदत शामिल हैं। फिलहाल संस्थान के एमबीए विभाग में आठ अफगानी छात्र अध्ययनरत हैं। उनकी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखने के साथ मनोबल बढ़ाने में भी मदद की जा रही है।

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