कोरोना काल में वरदान साबित हो सकती है एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति, इस तरह हुआ कोरोना मरीजों को फायदा
डॉ. अर्चना के मुताबिक 10 लोगों में से जिन 6 लोगों ने एक्यूप्रेशर बिंदु अपनाए उन्हें कोरोना का संक्रमण नहीं हुआ। जिन चार लोगों ने इसे नहीं माना वह कोरोना ग्रस्त हो गए। जिसे कोरोना का संक्रमण हुआ जब एक्यूप्रेशर से उपचार दिया गया तो वे जल्दी स्वस्थ हुए।
अंबाला, जेएनएन। एक्यूप्रेशर 21वीं की सदी चिकित्सा पद्धति और कोरोना काल में मानव के लिए वरदान साबित होगी। एक्यूप्रेशर एक ऐसी अद्भुत विधा है जो प्राकृतिक होने के साथ ही संपूर्ण भी है। यह बातें विश्व संवाद परिषद योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा प्रकोष्ठ की प्रो. डॉ. अर्चना दुबे ने कही।
एक्यूप्रेशर से कोरोना रोगियों की बढ़ी इम्यूनिटी
डॉ. अर्चना ने बताया कि इसका उदाहरण कोरोना के रोगियों में हमने देखा। कोरोना रोगियों में पाया कि जिनके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने की वजह से कोरोना के संक्रमण का खतरा था, उन्हें एक्यूप्रेशर पॉइंट द्वारा इम्यूनिटी सिस्टम बढ़ाकर कोरोना से बचने का उपाय बताया गया है। ऐसे 10 लोगों में से जिन 6 लोगों ने एक्यूप्रेशर बिंदु अपनाए, उन्हें कोरोना का संक्रमण नहीं हुआ। जिन चार लोगों ने इसे नहीं माना वह कोरोना ग्रस्त हो गए। जिसे कोरोना का संक्रमण हुआ, जब एक्यूप्रेशर द्वारा उपचार दिया गया तो वह जल्दी स्वस्थ हुए और उन्हें इसके साइड इफेक्ट नहीं आए।
12 घंटे के भीतर हटाया ऑक्सीजन सपोर्ट
डॉ. अर्चना बताती हैं कि कुछ रोगियों का ऑक्सीजन स्तर अचानक से कम होता था। ऐसे में भी एक्यूप्रेशर के बिंदुओं के माध्यम से ऑक्सीजन स्तर में आशातीत सफलता मिली। 12 घंटे के भीतर व्यक्ति का ऑक्सीजन मास्क हटा दिया जाता था। इन उदाहरणों से हम देख सकते हैं कि यह विद्या पूरी तरीके से वैज्ञानिक होने के साथ ही साथ सरल, सुलभ, निरापद एवं प्रभावशाली ऐसी संपूर्ण पद्धति है। इसे निसंकोच किसी भी बीमारी के लिए प्रयोग कर सकते हैं।
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