Paddy Straw: पानीपत में पराली जलाने वाले किसान पढ़ लें ये खबर, इस तरह से कृषि विभाग रख रहा पैनी नजर

पानीपत में खरीफ सीजन में धान की पराली को जलने से रोकने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने जिले के रेड व येलो जोन के गांवों पर अपना फोकस बढ़ा दिया है। विभाग ने विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्रों पर सब्सिडी मुहैया कराने का फैसला लिया है।

By Naveen DalalEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 06:29 AM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 07:12 AM (IST)
Paddy Straw: पानीपत में पराली जलाने वाले किसान पढ़ लें ये खबर, इस तरह से कृषि विभाग रख रहा पैनी नजर
पानीपत में धान की पराली जलाने वाले किसानों पर होगी कार्रवाई।

पानीपत, जागरण संवाददाता। पानीपत में खरीफ सीजन में फसलों के अवशेषों (धान की पराली) को जलने से रोकने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने जिले के रेड व येलो जोन के गांवों पर अपना फोकस बढ़ा दिया है। पराली न जले, किसान सदुपयोग करें। इसको लेकर न केवल विभाग की ओर से उक्त गांवों में कैंप लगा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, बल्कि वहां के किसानों को लेकर विशेष स्कीम भी निकाली गई है। ऐसे में उक्त गांव के किसान फसल अवशेष प्रबंधन के लिए अनुदान पर कृषि यंत्र पा सकेंगे। किसानों को विभाग की वेबसाइट पर आनलाइन आवेदन करना होगा।

अक्टूबर व नवंबर में आते है पराली जलाने के मामले ज्यादा

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डा. वीरेंदर देव आर्य के मुताबिक खरीफ सीजन के अक्टूबर व नवंबर माह में फसल अवशेष (धान की पराली) जलने के मामले अधिक होते हैं। इसकी वजह से वायु प्रदूषण बढ़ता है। ऐसे में जिन गांवों में पराली जलाने के ज्यादा मामले सामने आते हैं। उनको कृषि विभाग की ओर से ने रेड व येलो जोन में बांटा गया है, ताकि उक्त गांवों के किसानों के पास फसल अवशेष प्रबंधन के बेहतर साधन उपलब्ध हो सके, इसी के चलते विभाग ने विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्रों पर सब्सिडी मुहैया कराने का फैसला लिया है।

एक गांव रेड व 15 येलों जोन में

सहायक कृषि अभियन्ता डा. जगदीश मलिक ने बताया कि जिले में एक गांव को रेड व पंद्रह को येलो जोन में रखा गया है। यहां पराली जलाने के ज्यादा मामले सामने आते हैं। उनके मुताबिक मतलौडा खंड के गांव उरलाना कलां को रेड जोन में शामिल किया गया है। जबकि पानीपत खंड के काबड़ी, जाटल, गढ़सरनाई, गांजबड़, बराना, मतलौडा खंड के वैसर, नारा, महम्मदपुर, थिराना, कवि, दरियापुर, बोहली, बापौली खंड के डाडोला, मतरौली, राणा माजरा गांव को येलो जोन में रखा गया है। ऐसे में समालखा, इसराना व सनौली खंड के गांवों में फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर स्थिति अभी तक ठीक है।

सितंबर तक वेबसाइट पर करना होगा रजिस्ट्रेशन

उपनिदेशक डा. वीरेंदर देव आर्य ने बताया कि रेड व येलों जोन गांव के किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए आधुनिक कृषि यंत्र अनुदान पर उपलब्ध करवाए जाएंगे। कृषि विभाग फसल अवशेषों में आगजनी की घटनाओं को शून्य करने के उद्देश्य को लेकर काम कर रहा है। उक्त गांव के किसान फसल अवशेष प्रबंधन बेहतर ढंग से कर पाए, इसके लिए किसानों से आधुनिक कृषि यंत्रों के लिए 25 सितम्बर तक आवेदन मांगे गए हैं। किसान विभाग की वेबसाइट पर आवेदन कर सकेंगे। वहीं जिन किसानों ने नौ सितंबर तक आवेदन किए थे, वे अपने सभी दस्तावेज सहायक कृषि अभियंता पानीपत के कार्यालय में जमा करवाने के साथ अपने कृषि यंत्रों के बिल 25 सितंबर तक संंबंधित डीलर से आनलाईन करवाएं।

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