रोडवेज में कंडक्टर की नौकरी दिलाने का झांसा दे एक लाख ठगने का आरोपित गिरफ्तार

प्रारंभिक पूछताछ में आरोपित ने बताया कि वह शॉर्टकट से लखपति बनना चाहता था। इसलिए दोस्तों के साथ गैंग बनाया और लोगों को नौकरी के नाम पर ठगने का धंधा शुरू कर दिया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 12 Jul 2019 08:56 AM (IST) Updated:Fri, 12 Jul 2019 08:56 AM (IST)
रोडवेज में कंडक्टर की नौकरी दिलाने का झांसा दे एक लाख ठगने का आरोपित गिरफ्तार
रोडवेज में कंडक्टर की नौकरी दिलाने का झांसा दे एक लाख ठगने का आरोपित गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, पानीपत : रोडवेज में कंडक्टर भर्ती करवाने का झांसा देकर युवक से एक लाख रुपये ठगने के आरोपित को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसकी पहचान हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के चितपुर निवासी अभिनय उर्फ अभि के रूप में हुई। सीआइए-3 ने उसे बुधवार रात को उत्तर प्रदेश के नोएडा के सेक्टर-58 से पकड़ा। पुलिस ने आरोपित को अदालत में पेश किया, जहां से उसे पांच दिन के रिमांड पर भेज दिया गया। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपित ने बताया कि वह शॉर्टकट से लखपति बनना चाहता था। इसलिए दोस्तों के साथ गैंग बनाया और लोगों को नौकरी के नाम पर ठगने का धंधा शुरू कर दिया।

सीआइए-3 प्रभारी एसआइ छबील सिंह ने बताया कि अभिनव नोएडा के सेक्टर-69 में रहता है। वह ब्रांडेड कपड़े और जूते पहनने का शौकीन है। उसके खर्चे ज्यादा बढ़ गए थे और कमाई कम थी। इस वजह वह जल्द रुपये कमाने के लिए ठगी करने लगा। उसके गिरोह में शामिल दो युवकों के नाम सामने आए हैं। उनकी तलाश की जा रही है।

ऐसे की थी ठगी

एसआइ छबील सिंह ने बताया कि तीन जुलाई को गोयला खुर्द गांव के अजय ने एसपी कार्यालय में शिकायत दी कि गत दिनों हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमिशन द्वारा रोडवेज विभाग में कंडक्टर के पदों की भर्ती निकली थी। इसमें उसने फार्म भरा था। गत 30 जून उसके मोबाइल पर एक अज्ञात युवक ने कॉल कर कहा कि वह उसकी रोडवेज परिचालक के पद पर नौकरी लगवा देगा। इसके लिए उसके खाते में एक लाख रुपये जमा कराने होंगे। नियुक्ति पत्र उसके घर पहुंच जाएगा। उसने खाते में रुपये डलवा दिए। आरोपित ने डाक द्वारा नियुक्ति पत्र उसके घर भेज दिया। इस पत्र की पंचकुला कार्यालय में जांच कराई तो फर्जी निकला। थाना बापौली पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था।

बैंक खाता नंबर से फंसा आरोपित

एसपी सुमित कुमार ने ठगी के मामले की जांच सीआइए-3 को सौंपी। अजय ने जिस बैंक के खाते में एक लाख रुपये डलवाए थे। सीआइए-3 ने उस खाते की जानकारी जुटाई। ये अभिनव का निकला। इसी के आधार पर पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार किया। प्रारंभिक पुलिस पूछताछ में अभिनव ने बताया कि उसके दिल्ली के दो दोस्तों ने उसका खाता नंबर मांगा था। उन्होंने ही अजय से फोन पर बात की थी और उसके खाते में रुपये डलवाए।

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