पानीपत में नहर में डूबी नवयुवती, हेडकांस्टेबल ने छलांग लगा बाहर निकाला, देखने वाले रह गए हैरान
पानीपत में दिल्ली पैरलल नहर में हुआ हादसा। सूचना मिलते ही चौकी के हेडकांस्टेबल धर्मपाल मौके पर पहुंचे। बिना सोचे तुरंत छलांग लगाकर नवयुवती को बाहर ले आए। उसकी जान बच गई। अपनी बेटी को कुशल देखकर मां की आंखों से खुशी के आंसू छलक आए।
पानीपत, जेएनएन। एक नवयुवती को बचाने के लिए पानीपत पुलिस के हेडकांस्टेबल ने नहर में छलांग लगा दी। अपनी जान की परवाह न करते हुए वह नवयुवती को बाहर निकाल ही लाया। हालांकि वह बेहोश हो चुकी थी। अपने स्तर पर प्राथमिक इलाज किया। उसी समय अस्पताल ले गया। आखिरकार उसकी जान बच गई। अपनी बेटी को कुशल देखकर मां की आंखों से खुशी के आंसू छलक आए। मामला यहां पर असंध रोड पर नहर का है। हेडकांस्टेबल धर्मपाल की बहादुरी पर वहां मौजूद लोगों ने ताली बजाई। उनका स्वागत किया।
महाबीर कालोनी निवासी 16 वर्षीय शारदा अपनी मां मंजू के साथ सैर करने जा रही थी। सामने से तेज रफ्तार गाड़ी आती देख दोनों मां-बेटी नहर की पटड़ी के किनारे पर खड़ी हो गईं। अचानक संतुलन बिगड़ने से शारदा नदी में गिर गई। पानी का बहाव तेज होने के कारण वह नदी में काफी दूर तक बहकर चली गई।
चीखने लगी मां
मां के चीखने की आवाज सुनकर काफी भीड़ वहां पर जमा हो गई। लगभग 200 मीटर दूरी पर असंध रोड नहर नाका पर ओल्ड इंडस्ट्रियल थाना में तैनात हेड कांस्टेबल धर्मपाल को सूचना मिली तो मौके पर पहुंचे। उन्होंने उसी समय बिना देर किए नहर में छलांग लगा दी। धर्मपाल ने नहर के बीच से लड़की को बाहर निकाला। तब तक वह बेहोश हो चुकी थी। अस्पताल पहुंचाया गया। उपचार के बाद उसे छुट्टी मिल गई।
भगवान बनकर आए आप
नवयुवती की मां मंजू गृहिणी हैं। रोते हुए कहा, पुलिसकर्मी उनके लिए भगवान बनकर आए। बेटी को डूबने से बचा लिया। शारदा के पिता राजमिस्त्री हैं। शारदा चार बहनों में सबसे छोटी है।
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