ब्रेक फेल होने के कारण हुआ था कालका-चंडीगढ़ ट्रैक पर हादसा, बड़ी दुर्घटना रोकने के लिए ट्रैक से उतारा था इंजन

चार सदस्यीय जांच कमेटी दस दिनों में अपनी रिपोर्ट मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) को सौंपेगी। हालांकि अब तक की जांच में स्पष्ट हो चुका है कि इस इंजन में ब्रेक को लेकर लगातार खराबी आ रही थी। लोको पायलट इस खराबी का जिक्र बुक में लगातार कर रहे थे।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 03:09 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 03:09 PM (IST)
ब्रेक फेल होने के कारण हुआ था कालका-चंडीगढ़ ट्रैक पर हादसा, बड़ी दुर्घटना रोकने के लिए ट्रैक से उतारा था इंजन
कालका-चंडीगढ़ ट्रैक पर पटरी से उतरा रेल इंजन।

अंबाला,[दीपक बहल]। कालका से चंडीगढ़ की ओर आ रहे बेपटरी हुए रेल इंजन को फिर से पटरी पर चढ़ाना रेलवे के लिए चुनौती बन गया है। इंजन इतनी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है कि सोमवार को लखनऊ वर्कशाप से विशेषज्ञों की टीम चंडीमंदिर के पास मौके पर पहुंची। यदि इंजन को अस्थायी पटरी बिछाकर मेन लाइन पर चढ़ा भी दिया जाए, तो उसकी स्पीड पांच से दस किलोमीटर प्रतिघंटा (केएमपीएच) से अधिक नहीं हो सकती। अब यह इंजन लखनऊ वर्कशाप में ही ठीक होगा। ऐसे में इसे वहां तक पहुंचाने में कई दिनों तक समय लग जाएगा और रेललाइन भी प्रभावित होंगी। इसलिए तय किया गया कि 200-200 टन की दो क्रेनों की मदद से इंजन को ट्राले पर चढ़ाया जाएगा और सड़क मार्ग से लखनऊ भेजा जाएगा। छह दिनों से यह इंजन पटरी से 50 फीट दूर गड्ढे में गिरा हुआ है।

जांच कमेटी दस दिनों में सौंपेगी रिपोर्ट

उधर, चार सदस्यीय जांच कमेटी दस दिनों में अपनी रिपोर्ट मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) को सौंपेगी। हालांकि अब तक की जांच में स्पष्ट हो चुका है कि इस इंजन में ब्रेक को लेकर लगातार खराबी आ रही थी। लोको पायलट इस खराबी का जिक्र बुक में लगातार कर रहे थे। सहारनपुर शेड और जम्मू में भी ब्रेक की दिक्कत को लेकर इंजन को दुरुस्त किया गया था बावजूद ब्रेक पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाई, जिसके चलते हादसा हो गया। इस मामले में कई कर्मचारियों पर विभागीय तलवार लटक रही है। जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट में किन-किन कर्मचारियों को दोषी करार देती है, इसका खुलासा रिपोर्ट में होगा।

बता दें कि 20 अक्टूबर को पठानकोट से कालका दो डिब्बे छोड़कर इंजन वापस लौट रहा था। चंडीमंदिर के पास डाउन के समय स्र्टाटर के पास इंजन नहीं रुका, जिस कारण उसको स्लिप साइडिंग पर रवाना कर दिया गया। ताकि बफर एंड पर टकराकर रुक जाए या फिर पटरी से उतर जाए। इंजन की स्पीड अधिक होने के कारण वह बफर एंड को तोड़ता हुआ आगे निकल गया और पलट गया। हादसे में तीन कर्मचारी भी घायल हुए थे। 

डीआरएम जीएम सिंह ने बताया कि मामले की जांच अभी चल रही है। लखनऊ से आकर टीम ने मुआयना किया है, जिनके सुझाव पर अब इंजन को सड़क मार्ग से लखनऊ भेजा जाएगा।

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