मंडल के 91 में 76 गांव जगमग, बाकी में भी चल रही तैयारी
मंडल के 84 प्रतिशत ग्रामीण आबादी के जगमग हो जाने से लाइन लास में भारी कमी आई है। लाइन लास 30 प्रतिशत से नीचे आ गया है। जगमग गांवों को 24 तो अन्य को 16 घंटे बिजली सप्लाई दी जा रही है।
जागरण संवाददाता, समालखा : मंडल के 84 प्रतिशत ग्रामीण आबादी के जगमग हो जाने से लाइन लास में भारी कमी आई है। लाइन लास 30 प्रतिशत से नीचे आ गया है। जगमग गांवों को 24 तो अन्य को 16 घंटे बिजली सप्लाई दी जा रही है। उपभोक्ताओं को इसका फायदा मिल रहा है। ग्रामीण अंचल के शेष बचे 15 गांवों को जगमग करने की तैयारी चल रही है। साल के अंत तक इसके पूरे होने जाने की उम्मीद है।
मंडल में समालखा, बिहौली, बापौली व छाजपुर सब डिवीजन के 91 गांव शामिल हैं। 36 फीडरों से इन्हें बिजली सप्लाई दी जा रही है। शहरी क्षेत्रों को अभियान के पहले चरण में ही जगमग कर दिया गया था। विगत दो सालों में ग्रामीण अंचल के आबादी फीडरों को जगमग करने पर जोर दिया जा रहा है। अभी तक 30 फीडरों से जुड़े 76 गांव जगमग हो चुके हैं। 6 फीडरों से जुड़े 15 गांवों को जगमग होना शेष है। कुछ गांव में जगमग के काम भी चल रहे हैं।
दिसंबर तक सभी गांवों के जगमग होने की संभावना है। गांवों के जगमग होने से बिजली चोरी पर ब्रेक लगा है। ग्रामीण लाइन लास 80 से 30 प्रतिशत से नीचे आ गया है, जिससे निगम के राजस्व में इजाफा हुआ है। उपभोक्ताओं को पहले से अधिक बिजली मिल रही है। जेनरेटर और इन्वर्टर से छुटकारा मिला है। इन्हें होना है जगमग
समालखा सब डिवीजन के मनाना, बिहौली के मछरैली, बापौली के जलालपुर व जांबा तो छाजपुर के उग्राखेड़ी और मोहाली को जगमग करना शेष बचा है। एक्सईएन अनिल कुमार का कहना है कि छह फीडरों से जुड़े इन गांवों को जल्द से जल्द जगमग कर दिया जाएगा। ठेकेदार को चल रहे काम में तेजी लाने कहा गया है। मीटर बाहर लगाने, नई केबल बिछाने और उसे सील करने में समय लगता है।