ब्लैक फंगस के 67 आशंकित 23 कंफर्म केस, तीन की हो चुकी मौत

ब्लैक फंगस (म्यूकर माइकोसिस) के जिला में 67 आशंकित मरीज मिले। इनमें से 23 कंफर्म मरीज मिल चुके हैं। अभी तक तीन की मौत हो चुकी हैं इतने ही रिकवर हुए हैं। इनमें बुधवार को मिले तीन आशंकित और एक कंफर्म मरीज शामिल है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 07:51 AM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 07:51 AM (IST)
ब्लैक फंगस के 67 आशंकित 23 कंफर्म केस, तीन की हो चुकी मौत
ब्लैक फंगस के 67 आशंकित 23 कंफर्म केस, तीन की हो चुकी मौत

जागरण संवाददाता, पानीपत : ब्लैक फंगस (म्यूकर माइकोसिस) के जिला में 67 आशंकित मरीज मिले। इनमें से 23 कंफर्म मरीज मिल चुके हैं। अभी तक तीन की मौत हो चुकी हैं, इतने ही रिकवर हुए हैं। इनमें बुधवार को मिले तीन आशंकित और एक कंफर्म मरीज शामिल है।

डिप्टी सिविल सर्जन डा. शशि गर्ग ने खानपुर मेडिकल कालेज से मिली रिपोर्ट का हवाले से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 44 आशंकित मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। अधिकांश को उपचार के बाद डिस्चार्ज भी कर दिया गया है। कोरोना संक्रमितों की संख्या घटने के साथ पोस्ट कोविड दिक्कतों वाले मरीज भी कम हुए हैं। केंद्र सरकार ने फंगल इंफेक्शन को लेकर अस्पतालों व मरीजों के लिए गाइडलाइन भी जारी की है। इसमें मरीजों में ब्लैक फंगस की पहचान के लिए चेकलिस्ट भी दिया गया है। डा. गर्ग के मुताबिक यह चेकलिस्ट जिला के सभी सभी अस्पतालों को प्रेषित कर दी गई है। ब्लैक फंगस के लक्षण

-लगातार बुखार,सिरदर्द

-नाक जाम, नाक का बहना

-चेहरे में सूजन व दर्द

-चेहरे की त्वचा का रंग बदलना

-दातों में ठीलापन

-आंखों में सूजन, दर्द व लाली

-डबल विजन, कम दिखना, पलक ज्यादा झपकना अस्पतालों को हिदायत

मरीजों को ब्लैक फंगस की जानकारी दी जाए। डिस्चार्ज स्लिप पर अंकित करें ताकि ऐसा लक्षण होने पर वे इसकी जानकारी दे सकें। मरीजों को सफाई पर ध्यान देने, साफ मास्क का उपयोग करने की हिदायत दें। मरीजों के रिस्क फैक्टर की भी जानकारी लें। शुगर के मरीजों की मानिटरिग करें। स्टेरायड थेरेपी, एक साथ कई बीमारियों की जानकारी लें। वातावरण का प्रतिकूल असर

डा. गर्ग ने गाइडलाइन के हवाले बताया कि ब्लैक फंगस के प्रसार में अस्पताल के वातावरण का भी प्रतिकूल असर पड़ता है। अस्पताल के आसपास कंस्ट्रक्शन साइट नहीं हो, धूल मरीजों तक न पहुंचे। कोरोना संक्रमितों को ऐसी जगह न रखें जहां नमी या पानी टपकता हो। गहन चिकित्सा यूनिट के एयर फिल्टर, वेंटिलेटर की ट्यूब, बोतल आदि को नियमित रूप से बदलना होगा।

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