सिविल अस्पताल, सीएचसी-पीएचसी में चिकित्सकों के 56 पद रिक्त
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की गाइड लाइन के मुताबिक प्रति हजार की आबादी पर एक फिजिशियन एक एमबीबीएस 10 हजार पर एक विशेषज्ञ होना चाहिए। जिला की आबादी करीब 14 लाख है यानि 1400 डाक्टर होने चाहिए।
जागरण संवाददाता, पानीपत : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की गाइड लाइन के मुताबिक प्रति हजार की आबादी पर एक फिजिशियन, एक एमबीबीएस, 10 हजार पर एक विशेषज्ञ होना चाहिए। जिला की आबादी करीब 14 लाख है, यानि 1400 डाक्टर होने चाहिए। निजी व सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों की संख्या को जोड़ दें तो लगभग 700 का अभाव है। सिविल अस्पताल, सीएचसी-पीएचसी में चिकित्सकों के 56 पद रिक्त हैं।
जिला की सरकारी चिकित्सीय फैसिलिटी पर गौर करें तो चिकित्सकों के 140 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 56 पद लंबे समय से रिक्त हैं। 200 बेड के सिविल अस्पताल में 55 पोस्ट स्वीकृत हैं, जबकि 85 होनी चाहिए। इनमें 17 रिक्त चल रही है। प्रशासनिक ड्यूटी, ओपीडी के अलावा दूसरे स्थानों पर ड्यूटी, मेटरनिटी लीव, चाइल्ड केयर लीव सहित तमाम तरह के अवकाश के कारण अस्पताल में मात्र 14-15 चिकित्सीय ड्यूटी पर दिखते हैं।
सीएचसी-पीएचसी, शहरी स्वास्थ्य केंद्रों, सब सेंटरों की बात करें तो 85 चिकित्सकों की पोस्ट स्वीकृत हैं। इनमें से 39 रिक्त चल रही हैं। सिविल अस्पताल में नहीं आवास :
सिविल अस्पताल में चिकित्सकों, पैरा मेडिकल स्टाफ और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए फ्लैटनुमा 80 से अधिक आवास बनने थे। सिविल सर्जन कार्यालय से मुख्यालय के लिए दो साल पहले प्रस्ताव भी भेजा गया था। आवासीय सुविधा नहीं होने से अधिकांश चिकित्सक अपने शहर से ही अस्पताल तक का आवागमन कर रहे हैं। निजी चिकित्सकों की भी कमी :
आइएमए से जुड़े करीब 300 डाक्टर निजी प्रेक्टिस में हैं। आयुष के डाक्टर भी जिले में करीब 200 हैं। यानि, कुल 500 निजी चिकित्सक हैं। आइएमए, पानीपत के पूर्व अध्यक्ष डा. वेद प्रकाश ने बताया कि निजी प्रेक्टिस करने वालों की संख्या दोगुना हो, तब जिले के मरीजों को सस्ता-सरल इलाज मिलेगा।