पानीपत में 50 किलोमीटर नालों की नहीं हुई सफाई, सेक्टर सड़कों पर आ रहा गंदा पानी

मानसून की बारिश ने अधिकारियों की दावों की पोल खोलकर रख दी। दो माह में 150 किलोमीटर नालों की सफाई करने की रिपोर्ट दे चुके है नाला गैंग फिर सेक्टर एरिया के नाले गंदगी से अटे। नाले ओवरफ्लो होने की वजह लोग परेशान हैं।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 03:51 PM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 03:51 PM (IST)
पानीपत में 50 किलोमीटर नालों की नहीं हुई सफाई, सेक्टर सड़कों पर आ रहा गंदा पानी
नालों की सफाई न होने से जलभराव।

पानीपत, जागरण संवाददाता। सेक्टर 29 पार्ट टू, 25 व आसपास के क्षेत्र के 50 किलोमीटर नालों की सफाई नहीं हो सकी। नालों की हालात ऐसी हो गई है। नालों में कांग्रेस घास उगी हुई है। गंदे पानी से भरे हुए है। नगर निगम को नाला गैंग ने 150 किलोमीटर नालों की सफाई करने की रिपोर्ट पेश की है। इसके बावजूद अब बारिश के सेक्टरों की हालात काफी खराब हो चुके है। शहर के 29 पार्ट टू सेक्टर में बड़े-बड़े औद्योगिक ईकाइयां हैं। फिर नगर निगम कोई सुध नहीं ले रहा।

नाला गैंग पिछले दो माह में 150 किलोमीटर नालों की सफाई करने की रिपोर्ट नगर निगम के अधिकारियों को दे चुके है। इसके बाद भी सेक्टर के नालों की हालात काफी खराब हो चुके है। इसमें ज्यादातर सेक्टर 29 पार्ट टू के सभी नाले ओवरफ्लो और नालों में कांग्रेस घास उगी हुई है। इससे अब बारिश होने पर गंदगी फैली हुई है। नाला गैंग की कार्यशैली पर लगातार सवाल उठ रहे है। इसमें फिर भी कोई समाधान नहीं हो रहा।

नाला गैंग से कई पार्षद है नाखुश

नाला गैंग नालों की सफाई करने के लिए दावे तो करता है, लेकिन नाले वैसे ही गंदगी से अटे पड़े है। जब बारिश होती है तो नाले ओवरफ्लो हो जाते है। इसमें शहर के कई पार्षद नाला गैंग की कार्यशैली से काफी नाखुश है और अधिकारियों को कई बार शिकायत कर चुके है।

बारिश होने के कारण बिगड़ रही स्थिति

नगर निगम के मुख्य सफाई निरीक्षण रिंकू शर्मा ने जागरण से बातचीत में बताया कि लगातार बारिश होने के कारण स्थिति बिगड़ रही है और 150 किलोमीटर के नालों पर एक ही ड्रेन है। इसी वजह से नाले ओवरफ्लो हो जाते है।

लगा सालिड वेस्ट मैनेजमेंट का फटका, 23 तक काम बंद

नगर निगम में प्राप्रटी आइडी बनाने के लिए पिछले एक वर्ष से लोग निगम के धक्के खा रहे हैं। प्रापर्टी आइडी बनाने के प्रक्रिया को सरल करने की मांग पार्षद हाउस की बैठक में भी उठा चुके हैं, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। याशी कंपनी ने कैंप लगाकर भी प्रापर्टी आइडी संबंधी आब्जेक्शन सुने, लेकिन हालात में कोई सुधार नहीं हुआ।

प्रापर्टी आइडी बनाने के बाद ही प्रापर्टी की खरीद बेच हो सकती है। अभी तक इस मामले को निगम सुलझा नहीं सका। उल्टा अब सालिड वेस्ट मैनेजमेंट का खर्च डालकर और अधिक मामला उलझा दिया गया है। सालिड वेस्ट मैनेजमेंट के नाम पर लोगों पर बोझ डाल दिया गया है।

आइडी बनाने का काम रोका, रजिस्ट्रियां बंद

23 जुलाई तक प्रापर्टी आइडी बनाने पर रोक लगा दी गई है। रोक लगने से रजिस्ट्रियां नहीं हो रही। तहसील में कर्मचारी खाली बैठे हैं। रजिस्ट्री रुकने से राजस्व भी नहीं मिल पा रहा है।

सालिड वेस्ट मैनेजमेंट के चार्ज क्यों

पानीपत में सफाई के लिए ठेके छुटे हुए हैं। करोडों रुपये कूड़ा प्रबंधन में लग रहे हैं। पानीपत सोनीपत के सालिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए मुरथल के पास प्लांट लगाया गया है घरों से कूड़ा उठाने के लिए 50 रुपये अलग से लिए जा रहे हैं। उसके बाद सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट के नाम परबोझ डाला गया है. अब नए सिरे सालिड वेस्ट मैनेजमेंट की चार्जिंग भी 2010 से यानि 11 साल की ली जा रही है। इस संदर्भ में डीएमसी जितेंद्र ने बताया कि नियमानुसार सालिड वेस्ट मैनेजमेंट के चार्ज डाले गए हैं।

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