यमुनानगर में अवैध रूप से चल रहीं 50 फैक्ट्रियां, अब होगा ये एक्‍शन

हरियाणा के यमुनानगर में अवैध फैक्‍ट्री चलने का सिलसिला नहीं थम रहा। अब ऐसी फैक्ट्रियों को नोटिस जारी किया गया जाएगा। सर्वे में सामने आया कि बिना सीएलयू के 50 फैक्ट्रियां चल रही हैं। ये डीटीपी के निशाने पर हैं।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 05:00 PM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 05:00 PM (IST)
यमुनानगर में अवैध रूप से चल रहीं 50 फैक्ट्रियां, अब होगा ये एक्‍शन
हरियाणा के यमुनानगर में अवैध फैक्‍ट्री पर शिकंजा।

यमुनानगर, जेएनएन। औद्योगिक क्षेत्र से बाहर बिना सीएलयू (चेंज आफ लैंड यूज) के चल रही फैक्ट्रियों पर जिला नगर योजनाकार विभाग ने शिकंजा कस दिया है। ऐसी करीब 50 फैक्ट्रियां चिहिंत हुई है। इन सभी को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। यदि नोटिस के बाद भी दस्तावेज पूरे नहीं कराए जाते हैं, तो इन पर जेसीबी चल सकती है। इन नोटिसों के बाद फैक्ट्री संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है।

चारों तरफ फैली है अवैध फैक्ट्रियां

वैसे तो फैक्ट्रियों के लिए सरकार ने औद्योगिक क्षेत्र बना रखे हैं। इसके लिए यमुनानगर में बस स्टैंड के नजदीक व दूसरा मानकपुर में औद्योगिक क्षेत्र बनाया गया है। इसके बावजूद नगर निगम क्षेत्र के बाहर जिले में चारों तरफ काफी फैक्ट्रियां लगी हुई है। इनमें छछरौली रोड, बिलासपुर रोड, रादौर रोड, सहारनपुर रोड, बूड़िया रोड समेत कई जगहों पर कुछ सालों में सैकड़ाें की संख्या में नई फैक्ट्रियां लगी हैं। फैक्ट्रियां लगाने से पहले जिला नगर योजनाकार से सीएलयू लेना होता है, लेकिन अधिकतर फैक्ट्रियां बिना यह अनुमति लिए चल रही हैं।

ग्रामीण क्षेत्र होने का उठाते हैं फायदा

शहर से बाहर क्षेत्र ग्रामीण है। काफी फैक्ट्रियां कृषि योग्य भूमि पर ऐसी जगह बना ली हैं जो सड़क से दिखाई भी नहीं देती। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकारियों का आना जाना भी कम ही होता है। इसलिए कुछ महीनों में जमीन पर फैक्ट्री खड़ी हो जाती है। जब फैक्ट्री बन जाती है तो विभागीय कार्रवाई कानूनी दांवपेंच में उलझ कर रह जाती है। ग्रामीण क्षेत्र में बन रही फैक्ट्री की जानकारी सरपंच भी प्रशासन को देने की जहमत नहीं उठाते। जबकि कृषि योग्य जमीन पर कोई भी काम करने से पहले सीएलयू लेनी जरूरी है।

अन्य विभागाें को भी अलर्ट होने की जरूरत

जब इतनी फैक्ट्रियों के पास सीएलयू नहीं है तो यह भी हो सकता है कि इन फैक्ट्रियों के संचालकों ने अन्य विभागों को भी धोखे में रखा हो। हो सकता है कि फैक्ट्री लगाने से पहले दमकल विभाग, वन विभाग, लोक निर्माण विभाग, बिजली निगम समेत अन्य विभागों से अनुमति लेनी होती है।

सर्वे में मिली 50 फैक्ट्रियां

जिला नगर योजनाकार अमित मंधोलिया का कहना है कि विभाग की ओर से सर्वे कराया गया था। जिसमें 50 फैक्ट्रियां ऐसी मिली हैं, जो बिना सीएलयू के चल रही हैं। विभाग के नियमों के मुताबिक, यह फैक्ट्रियां अवैध हैं। फैक्ट्री संचालकों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं।

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