पांच दिन में पकड़े 46 पशु, जीटी रोड पर विधायक विज कार्यालय के सामने डेरा

जीटी रोड हो या फिर सेक्टर। तहसील कैंप हो या फिर कच्चा कैंप। माडल टाउन हो या फिर एल्डिको। हर जगह बेसहारा गोवंश की कतार आपको दिखाई दे जाएगी। छोटी-छोटी गलियों से निकलना मुश्किल हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Sep 2021 09:36 AM (IST) Updated:Tue, 07 Sep 2021 09:36 AM (IST)
पांच दिन में पकड़े 46 पशु, जीटी रोड पर विधायक विज कार्यालय के सामने डेरा
पांच दिन में पकड़े 46 पशु, जीटी रोड पर विधायक विज कार्यालय के सामने डेरा

जागरण संवाददाता, पानीपत : जीटी रोड हो या फिर सेक्टर। तहसील कैंप हो या फिर कच्चा कैंप। माडल टाउन हो या फिर एल्डिको। हर जगह बेसहारा गोवंश की कतार आपको दिखाई दे जाएगी। छोटी-छोटी गलियों से निकलना मुश्किल हो गया है। हालात इतने विकट हैं कि शहर के विधायक प्रमोद विज के कार्यालय के बाहर भी ये गोवंश बैठे रहते हैं। लघु सचिवालय के सामने तक रात को जीटी रोड के बीचों-बीचों मौजूद रहते हैं। जिला प्रशासन के आला अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधि रोजाना इन्हें देखते हुए गुजरते हैं लेकिन इन पर शायद असर नहीं होता। तभी बेसहारा गोवंश को सहारा नहीं मिल पा रहा। दूसरी तरफ नगर निगम ने इन्हें पकड़ने का अभियान तो चलाया है लेकिन ये इतना सुस्त है कि इस रफ्तार से तो साल भर तक शहर से गोवंश बाहर नहीं निकल पाएंगे।

सोमवार को नगर निगम की टीम ने विकास नगर और पटेल से गोवंश को पकड़ा। विकास नगर से सात और पटेल नगर से आठ गोवंश को पकड़कर नैन गोशाला में भिजवाया गया। पांच दिन में 46 पशु पकड़े जा चुके हैं। यानी प्रतिदिन का औसत नौ ही बैठता है। शहर में एक हजार से अधिक बेसहारा गोवंश हैं। फोटो 29

जीटी रोड : विधायक कार्यालय के सामने डेरा

जीटी रोड पर बस स्टैंड के नजदीक है विधायक प्रमोद विज का कार्यालय। सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक यह कार्यालय खुलता है। प्रमोद विज के अलावा भाजपा के जिला उपाध्यक्ष प्राण रत्नाकर, नगर निगम के मनोनीत पार्षद सुनील सोनी, विज का कार्यभारी देखने वाले स्टाफ सदस्य यहां मौजूद रहते हैं। विभिन्न विभागों के अधिकारी यहां आते रहते हैं। हैरानी की बात ये है कि विज के कार्यालय के ठीक सामने बेसहारा गोवंश का डेरा रहता है। रात ही नहीं, दिन में भी जीटी रोड पर गोवंश बैठे रहते हैं। हादसे का खतरा बना रहता है। विज के कार्यालय के सामने से गोवंश को हटाया नहीं जा पा रहा। जिले के हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है। फोटो 31

सेक्टर 25 : सबसे ज्यादा गोवंश, कचरा खाते हैं

शहर का पाश एरिया है सेक्टर 25, जहां पर कचरे का डंपिग ग्राउंड भी है। हालांकि अब कचरा स्थल को बदला जा रहा है। इसके बावजूद गोवंश यहां कचरे में मुंह मारने आते हैं। सैकड़ों गोवंश को यहां देखा जा सकता है। इसी क्षेत्र से सेक्टर 11, 12, सेक्टर 29 का रास्ता निकलता है। वीआइपी लोगों का यहां से आवागमन रहता है। देखने के बावजूद गोवंश को सड़क से हटाया नहीं जाता। स्ट्रीट लाइट यहां बंद ही रहती हैं। इस वजह से हादसा होने का खतरा रहता है।

फोटो 30

सेक्टर 12 : शाम को निकलने में डर लगता है

हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण का सबसे पुराना सेक्टर है 12, जहां शाम को निकलने में लोग घबराने लगे हैं। दिनभर यहां गोवंश का डेरा रहता है। शाम होते-होते तो झुंड बढ़ जाता है। इसी रास्ते से सनौली रोड लगता है। सनौली रोड पर तो कई बार गोवंश ने आम लोगों को दौड़ा लिया था। कई दुकानों में गोवंश घुस जाते हैं। दुकानदार शिकायत दे चुके हैं, इसके बावजूद गोवंश को उठाया नहीं जा रहा। इधर, नन्हेड़ा हुआ गोवंश मुक्त

संस, सनौली - नन्हेड़ा से राहत की खबर है। बेसहारा गोवंश को गोशाला में पहुंचाया गया है। यमुना सुधार समिति के सदस्यों ने यह पहल की है। यमुना सुधार समिति के प्रदेशाध्यक्ष अधिवक्ता रत्न सिंह रावल ने रामेश्वर, ईशपाल, कृष्ण, साधूराम, दयाचंद, जनेश्वर, अनिल, जसबीर, अवनीश, राजेश, सुरेंद्र को इसके लिए सम्मानित किया। रावल ने बताया कि नन्हेड़ा में 55 गोवंश थे। इनकी वजह से हादसे का खतरा रहता था। सभी को गोशाला में भिजवाया गया है। रावल ने जागरण से बातचीत में कहा कि अगर प्रशासन या नगरपालिका समालखा चाहे तो उनकी टीम समालखा शहर से गोवंश को पकडवाने में मदद कर सकती है।

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