रोज 10 लाख रेल टिकट होते थे बुक, अब हरियाणा सहित देश में साढ़े चार लाख में से 35 फीसद हो रहे रद

कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले कम होने के बाद आइआरसीसी के साइट पर रोज 10 लाख रेल टिकट बु‍क हाे रहे थे। लेकिन कोराेना के मामले बढ़ने के साथ ही साढ़े चार लाख टिकट ही बुक हो रहे हैं और इनमें से 35 फीसद रद हो रहे हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Tue, 04 May 2021 06:00 AM (IST) Updated:Tue, 04 May 2021 09:11 AM (IST)
रोज 10 लाख रेल टिकट होते थे बुक, अब हरियाणा सहित देश में साढ़े चार लाख में से 35 फीसद हो रहे रद
कोरोना के केस बढ़ने के साथ ही रेल टिकट काफी संख्‍या में रद हो रहे हैं। (सांकेतिक फोटो)

अंबाला, [दीपक बहल]। कोरोना के बढ़ते प्रकोप को कम करने के लिए किसी राज्य ने लाकडाउन तो किसी ने कोरोना कर्फ्यू लगाया, लेकिन ट्रेनों के संचालन पर रोक नहीं है। फिर भी लोगों ने यात्रा से परहेज कर लिया है। इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आइआरसीटीसी) की वेबसाइट पर रोजाना जहां दस लाख टिकट बुक होना शुरू हो गया था, वहीं अब यह आंकड़ा घटकर करीब साढ़े चार लाख तक रह गया है। इसमें से भी करीब 35 फीसद यात्री टिकटों को रद करा रहे हैं।

कोरोना के बढ़ते प्रकोप में लोगों ने यात्राओं से किया परहेज, परिवार की जगह एक या दो लोग ही कर रहे यात्रा

इसी तरह का हाल रेलवे स्टेशन पर पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (पीआरएस) का है। हालांकि कोरोना की चपेट में आए लोको पायलट और गार्ड के चलते भी ट्रेनों को रद किया गया और जिन रूटों पर ट्रेनें खाली जा रही हैं उनको भी रद कर दिया गया। देश भर में ढाई सौ से अधिक ट्रेनों को रद किया जा चुका है।

गुवाहटी, बिहार और न्यू जलपाइगुड़ी को छोड़कर अन्य जगहों पर ट्रेनें चल रहीं खाली

जानकारी के मुताबिक फरवरी और मार्च में आइआरसीटीसी की वेबसाइट पर आठ से दस लाख टिकट रोजाना बुक हो रहा था। इन में से 15 से 20 फीसद टिकट रद हो जाते थे। अप्रैल में टिकट बुकिंग का ग्राफ गिरना शुरू हो गया, जो मई में अब साढ़े चार लाख तक ही रह गया है। हालांकि इन टिकटों पर सफर करने वाले दो या तीन यात्री हैं, जबकि पहले यह आंकड़ा अधिक था। कोरोना के बढ़ते आंकड़ों के बाद साढ़े चार लाख में से करीब 1 लाख 52 हजार टिकट रद हो रहे हैं। अब रेलवे करोड़ों रुपये टिकट रिफंड पर वापस कर चुका है।

बिहार और न्यू जलपाईगुड़ी की ट्रेनों में वेटिंग

माता वैष्णो देवी कटरा, अहमदाबाद, मद्रास, मुंबई और वडोदरा की ओर जाने वाली ट्रेनों में यात्री कम ही सफर कर रहे हैं। यही कारण है कि इन रूटों पर दौड़ रहीं ट्रेनों में यात्रियों की संख्या लगातार कम होती जा रही है, जबकि उत्तर प्रदेश, बिहार, न्यू जलपाईगुड़ी, गुवाहटी की ओर जाने वाली ट्रेनों में अभी भी वेटिंग है। वेटिंग टिकट पर यात्रा करने की अनुमति नहीं है, इसलिए चार्ट बनते ही हजारों टिकटें रद करवानी पड़ती हैं।

टिकट रद के पीछे एक बड़ा कारण यह भी है, क्योंकि कोरोना काल में शारीरिक दूरी नियम की पालना करवाने के लिए वेटिंग टिकट पर यात्रा की अनुमति नहीं है। इस नियम से यात्रियों को राहत भी मिल रही है, क्योंकि वेटिंग लिस्ट वाले कन्फर्म करने वाले यात्रियों के सफर में खलल नहीं डाल पा रहे।

रेलवे को रोजाना लग रही करोड़ों की चपत

रेलवे को कोरोना काल में डबल चपत लग रही है। पहले जहां तीन सौ से अधिक वेटिंग टिकट वाले भी ट्रेनों में सफर कर लेते थे, वहीं अब ट्रेनें ही खाली चल रही हैं। ऐसे में रेलवे को रोजाना करोड़ों रुपये का रिफंड देना पड़ रहा है। इन दिनों जहां हिल स्टेशनों पर भी स्पेशल ट्रेनें चलाई जाती थीं, इस बार रद करनी पड़ रही हैं।


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